Who is Dheeraj Wadhawan: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के पूर्व प्रमोटर धीरज वधावन की बेल रद्द कर दी गई है. लोन घोटाले से जुड़े मामले में उन्हें जमानत दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से दी गई थी. अदालत की तरफ से उन्हें दो सप्ताह में सरेंडर करने का आदेश दिया गया है. 9 सितंबर 2024 को दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से धीरज वधावन को स्वास्थ्य कारणों से जमानत दी गई थी. 34000 करोड़ रुपये के बैंकिंग फ्रॉड में सीबीआई ने डीएचएफएल (DHFL) के पूर्व डायरेक्टर को गिरफ्तार किया था. वधावन पर देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले का आरोप लगा है. आइए जानते हैं कौन हैं धीरज वधावन और क्यों वह जेल की सलाखों के पीछे पहुंचे?
देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला
डीएचएफएल के लोन स्कैम को लेकर धीरज वधावन पर जो आरोप लगे हैं उसमें उन्होंने नीरव मोदी और विजय माल्या को भी पीछे छोड़ दिया है. वधावन ब्रदर पर 34000 करोड़ रुपये के बैंक स्कैम का आरोप है. पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर 14000 करोड़ रुपये का फ्रॉड करने का आरोप था. इसी तरह विजय माल्या पर बैंकों को 9300 करोड़ रुपये की चपत लगाने का आरोप है. इस तरह धीरज वधावन और उनके भाई कपिल वधावन पर देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड का आरोप है.
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कौन हैं धीरज वधावन
धीरज वधावन भारतीय कारोबारी और उद्यमी हैं. वह दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (DHFL) के एक्स डायरेक्टर और प्रमोटर रह चुके हैं. 34000 करोड़ के घोटाले को लेकर चर्चा वधावन का जन्म 1978 में हुआ था. उनके पिता राजेश वाधवान ने 1980 के दशक में मुंबई में DHFL की स्थापना की थी. धीरज ने लंदन यूनिवर्सिटी से पीजी की डिग्री हासिल की. उनके बड़े भाई कपिल वधावन भी डीएचएफएल (DHFL) के चेयरमैन और एमडी रहे. धीरज ने करियर की शुरुआत DHFL के प्रमोटर के रूप में की. बाद में वह कंपनी के डायरेक्टर बन गए.
17 बैंकों के कंसोर्टियम को धोखा दिया
17 बैंकों के कंसोर्टियम से 34000 करोड़ रुपये की फ्रॉड मामले में सीबीआई की तरफ से डीएचएफएल (DHFL) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. धीरज वधावन डीएचएफएल के टॉप मैनेंजमेंट टीम में थे. उनके भाई कपिल वधावन कंपनी के चेयरमैन और एमडी थे. दोनों भाईयों ने कुछ कारोबारियों के साथ मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के लीडरशिप वाली 17 बैंकों की कंसोर्टियम को धोखा दिया. घोटाले के सामने आने के बाद कंपनी के शेयरों में गिरावट दिखने लगी. डीएचएफल के डिफॉल्ट होने की खबर से एक ही दिन में शेयर 60 प्रतिशत तक टूट गए. शेयर में लगातार गिरावट के बाद जून 2021 में डीएचएफल के शेयर मार्केट से डी लिस्ट कर दिये गए.
घोटाले को कैसे दिया अंजाम?
धीरज और उनके भाई कपिल वधावन पर 17 बैंकों के कंसोर्टियम से 42,871 करोड़ रुपये के लोन का फ्रॉड करने का आरोप है. सीबीआई के अनुसार उन्होंने 34,615 करोड़ रुपये की राशि को हेराफेरी कर प्राइवेट प्रॉपर्टी जैसे ज्वैलरी और हेलीकॉप्टर खरीदने में इस्तेमाल किया. वधावन ब्रदर्स ने लोन में फर्जीवाड़ा करते हुए डीएचएफएल से 24595 करोड़ रुपये निकालकर 66 कंपनियों में बांट दिये. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार 2010 से 2018 के बीच डीएचएफएल ने 42871 करोड़ रुपये का लोन दिया था. इसमें से 34,615 करोड़ रुपए बकाया है. 2019 में इस लोन को एनपीए और 2020 में फ्रॉड घोषित कर दिया गया. इसके बाद धीरज और कपिल वधावन के बुरे दिनों की शुरुआत हुई.