Apollo Micro Systems Share Price: डिफेंस सेक्टर की स्मॉल-कैप कंपनी Apollo Micro Systems के शेयरों में रफ्तार जारी है. शुक्रवार को भी कंपनी का शेयर एक समय 3% की बढ़त के साथ 194 रुपये के साथ 52-वीक हाई पर पहुंच गया था. हालांकि, कारोबारी सत्र के अंत में यह डिफेंस स्टॉक मामूली तेजी के साथ 188.92 रुपये पर बंद हुआ.
हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर और डिफेंस ऑर्डर बुक में बढ़ोतरी की उम्मीदों के चलते डिफेंस कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है. बीते महीने यानी अप्रैल में 4% की मामूली गिरावट के बाद इस महीने कंपनी के शेयर में 60% से ज्यादा की तेजी आई है. वहीं, पिछले एक साल में इस शेयर ने 82% और तीन सालों में 1400% से ज्यादा रिटर्न देकर खुद को मल्टीबैगर साबित किया है. जबकि पिछले 5 साल में कंपनी ने 2090% का भारी-भरकम रिटर्न दिया है.
Apollo Micro Systems के शेयरों में यह उछाल हाल ही में कंपनी को मिले 113.81 करोड़ रुपये के एक बड़े एक्सपोर्ट ऑर्डर के बाद आई है. गुरुवार को कंपनी के शेयर में लगभग 7% की उछाल दर्ज की गई थी. इस तरह पिछले चार दिनों में लगभग 32% की तेजी आई है.
क्या और बढ़ेगी शेयर की कीमत?
अब हर निवेशक के मन में यही सवाल है कि क्या यह डिफेंस स्टॉक और चढ़ेगा? इस सवाल पर ब्रोकरेज फर्म Anand Rathi Share and Stock Brokers का कहना है कि कंपनी ने पिछले दिसंबर से कई अहम MoUs साइन किए हैं और एक अधिग्रहण भी पूरा किया है. इसके अलावा MIGM माइन के सफल ट्रायल्स के बाद अब कंपनी को जल्द ही RFQ मिलने की उम्मीद है और इसके 30 दिनों के भीतर ऑर्डर मिलने की संभावना जताई जा रही है.
इसके अलावा, कंपनी के हैवीवेट टॉरपीडो के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर-डिफाइंड होमिंग सिस्टम के भी कमर्शियल ऑर्डर जल्द मिलने की उम्मीद है. इस तरह जैसे-जैसे कई डिफेंस प्रोजेक्ट प्रोडक्शन फेज में पहुंच रहे हैं, कंपनी को ऑर्डर में तेजी की उम्मीद है, जिससे राजस्व बढ़ेगा, मुनाफा बढ़ेगा और कैश फ्लो भी बेहतर होगा.
मुनाफावसूली की आशंका
हालांकि, शेयरों में हाल ही में आई जबरदस्त तेजी ने इसकी वैल्यूएशन को थोड़ा खींच दिया है. इक्विटी रिसर्च प्लेटफॉर्म Trendlyne के अनुसार, कंपनी का ट्रेलिंग ट्वेल्व मंथ P/E रेशियो करीब 103 है, जो इंडस्ट्री के औसत से काफी ज्यादा है.
ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि इतनी तेज़ी के बाद शेयर में थोड़ा मुनाफावसूली आ सकती है. हालांकि, अगर यह गिरावट कम वॉल्यूम और छोटे कैंडल्स के साथ आती है, तो इसे हेल्दी माना जाएगा और इसके बाद शेयर दोबारा चढ़ सकता है.
डिस्क्लेमरः (ज़ी न्यूज किसी भी तरह के निवेश की सलाह नहीं देता है. निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से जरूर सलाह लें.)