Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारणम ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट की घोषणाएं कर दी है. बजट घोषणाओं के साथ ही वित्त मंत्री से लेकर कारोबार करने वाले लोगों को खुश कर दिया. मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में राहत दी तो वहीं कस्टम ड्यूटी में कटौती कर कई चीजों की कीमतों को घटा दिया. बजट में कुछ कच्चे माल पर शुल्क में कटौती से निर्यात, विनिर्माण बढ़ेगा. इसका फायदा अमेरिका को भी होने वाला है.
भारत के बजट से अमेरिका को फायदा
वित्त मंत्री ने बजट में ऐसा ऐलान किया, जिससे डोनाल्ड ट्रंप को काफी खुश हो सकते हैं. कस्टम ड्यूटी कम करने के फैसले से अमेरिका से होने वाले निर्यात पर असर पड़ेगा. कस्टम ड्यूटी का फायदा अमेरिका को बड़ा फायदा मिलेगा, शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के मुताबिक मोटरसाइकिल और स्वाद बढ़ाने वाले आर्टिफिशियल एलीमेंट्स जैसे उत्पादों पर बजट में घोषित सीमा शुल्क कटौती से अमेरिकी निर्यात को फायदा मिलने वाला है. डोनाल्ड ट्रंप हमेशा भारत की टैरिफ किंग के तौर पर आलोचना करते हैं, लेकिन बजट ने कई उत्पादों पर महत्वपूर्ण शुल्क कटौती से अमेरिकी निर्यात को बढ़ावा मिलेगा. उम्मीद की जा रही है कि बजट में इस ऐलान के बाद ट्रंप का नजरिया बदलेगा.
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि बजट में समुद्री उत्पाद, रसायन एवं महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में कुछ कच्चे माल पर सीमा शुल्क घटाने से घरेलू विनिर्माण एवं निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. मंत्रालय ने यह भी कहा कि मॉडल द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) को नया रूप देने की घोषणा से एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) वार्ता के दौरान बेहतर स्थिति पैदा होगी.
इन चीजों से शुल्क घटी
फ्रोजेन मछली पेस्ट (सुरीमी) और जलीय चारे के लिए मछली हाइड्रोलाइजेट पर शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है. इन पर अभी तक लागू शुल्क क्रमश: 30 प्रतिशत और 15 प्रतिशत था. रसायन क्षेत्र में, पिरिमिडीन और पिपरेजीन यौगिकों पर शुल्क को मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इनका उपयोग खाद्य और पेय पदार्थों को एक निश्चित स्वाद देने के लिए किया जाता है. इसी तरह कम कैलोरी वाले यौगिक सोर्बिटोल पर शुल्क मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा, प्रमुख खनिजों (लिथियम, कोबाल्ट, सीसा, जस्ता, तांबा) और कोबाल्ट पाउडर के अपशिष्ट और स्क्रैप पर सीमा शुल्क खत्म कर दिया गया है. मंत्रालय ने कहा कि इन उपायों से आयात निर्भरता कम होगी, उत्पादन लागत कम होगी और प्रमुख उद्योगों में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी. भाषा