Microsoft: दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने 1,46,93,04,50,050 रुपये की एक मेगा डील की है. ये डील इतनी दिलचस्प है कि इसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. सॉफ्टवेयर बेचने वाली इस टेक कंपनी की ये डील जिस चीज को लेकर है वो बेहद चौकाने वाली है. दरअसल माइक्रोसॉफ्ट ने इंसानी मल खरीदने के के लिए यह समझौता किया है. 1.7 अरब डॉलर की भारी भरकम रकम खर्च कर यह कंपनी 49 लाख मीट्रिक टन इंसानी मल खरीदेगी. इस खबर को पढ़ने के साथ ही आपके दिमाग में पहला सवाल आया होगा कि आखिर ऐसा क्यों ? इन इंसानी मल का माइक्रोसॉफ्ट क्या करने वाली है. इस सौदे के तहत, माइक्रोसॉफ्ट न केवल मानव अपशिष्ट बल्कि वह खाद, उपचारित सीवेज और कृषि उपोत्पाद भी खरीदेगा
माइक्रोसॉफ्ट क्यों खरीद रहा है इंसानी मल
माइक्रोसॉफ्ट ने वॉल्टेड डीप नाम की कंपनी के साथ 49 मीट्रिक डन जैविक कचरे के लिए यह डील की है. ये डील 12 सालों के विए होगी, जिसकी शुरुआत साल 2026 से शुरू होकर 12 साल चलने वाली है. अरबों रुपये खर्च कर माइक्रोसॉफ्ट ये कचरा खरीद रही है. अब से भी समझिए कि इसका इस्तेमाल कहां होगा और क्यों कंपनी ने इसे खरीदने का फैसला किया है. Inc की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने अपने कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य को दोगुना करने के लिए इंसानी मल समेत जैविक कचरा खरीदने का फैसला किया है. इसके तहत वो अगले 12 सालों में अपना कार्बन उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य लेकर चल रही है.
इंसानी मल से क्या करेगा माइक्रोसॉफ्ट
टेक कंपनी के इस फैसले के पीछे बड़ी वजह कार्बन उत्सर्जन को कम करना है. दरअसल इन कंपनियों का कार्बन फुटप्रिंट काफी बड़ा होता है. ऐसे में कंपनी पर्यावरण के लिए काम करने वाली कंपनियों के साथ मिलकर अपना कार्बन फुट प्रिंट कम करने की दिशा में बढ़ना चाहती है. मानव मल और जैविक कचरा खरीद कर उसे पर्यावरण से हटाने के बदले उसे हर टन कचरा का कार्बन क्रेडिट मिलेगा. कंपनी की बढ़ती AI और डेटा सेंटर एक्टिविटी के चलते काफी कार्बन उत्सर्जन होता है. इस कदम से वो 23 से 30% बढ़े कार्बन फुटप्रिंट को कम करना चाहती है. अमेरिकी स्टार्टअप Vaulted Deep के साथ मिलकर वो इंसानी मल-गोबर और जैविक कचरे को धरती से लगभग 5000 फीट नीचे गहराई में दबाकर पर्यावरण में कार्बन एमिशन को कम करने की कोशिश करेगी.