India Vs Pakistan: पहलगाम में आतंकी हमले और भारत की जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढ़ा हुआ है. भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऐसी चाल चली है कि पाकिस्तान हक्का-बक्का रह गया है. भारत की इस चाल से पाकिस्तान के माथे पर पसीना आने लगा है. दरअसल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहली बार अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से फोन पर बात की है. ये बातचीत ऐसे मौके पर हुई जब भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव चरम पर है.
भारत-अफगानिस्तान की नजदीकी , पाक बेचैन
चीन, अमेरिका, तुर्किए और अजरबैजान जैसे देशों के सह पर भले ही पाकिस्तान आग उगल रहा हो, लेकिन भारत ने ऐसा दांव खेल दिया है, जो उसके होश उड़ा देगा, पाकिस्तान के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. जयशंकर और तालिबान सरकार के विदेश मंत्री से बात की.अफगानिस्तान ने पहलगाम हमले की निंदा की और वो भारत के साथ खड़ा नजर आया. दिल्ली और काबुल के बीच बनते इस कनेक्शन से इस्लामाबाद में टेंशन बढ़ गई है. भारत और अफगानिस्तान की बढ़ती दोस्ती ने पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ को गहरा चोट दे दिया है. दरअसल पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते की सच्चाई किसी से छिपी नहीं है. दोनों देशों के रिश्ते गर्त में हैं. ऐसे में भारत और अफगानिस्तान की नजदीकी पाकिस्तान के पेट में मरोड़ पैदा कर रही है.
पाकिस्तान के पेट में मरोड़ क्यों उठ रहा
भारत और अफगानिस्तान की नजदीकी ने पाकिस्तान बेचैन है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के संबंध कैसे हैं, अब यह छिपी बात नहीं है. दोनों देशों के बीच गोलीबारी से लेकर एयर स्ट्राइक आम बात है. कभी इधर से अटैक तो कभी उधर से अटैक. ऐसे में भारत से काबुल की बढ़ती नजदीकी पाकिस्तान को अकेला कर देगा. भारत को इस क्षेत्र में एक मजबूत दोस्त मिल जाएगा. दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. तालिबान की कहानी भी ऐसी ही है. पाकिस्तान का दुश्मन फिलहाल भारत के लिए दोस्त साबित हो रहा है. अफगानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्ते भी गर्त में हैं. ऐसे में भारत और अफगानिस्तान की नजदीकी पाकिस्तान का ब्लड प्रेशर बढ़ाने के लिए काफी है. जानकारों की माने तो जयशंकर अफगानिस्तान संग और नजदीकी बढ़ाकर पाकिस्तान को अलग-थलग करना चाहते हैं.
भारत और अफगानिस्तान का बढ़ता कारोबार
तालिबान के कब्जे में आने के बाद अफगानिस्तान का भारत के साथ कारोबार बढ़ता जा रहा है. अफगानिस्तान से भारत सूखे अंजीर, हींग, केसर, किशमिश, जीरा और बादाम खरीदता है. अफगानिस्तान के लिए भारत पाकिस्तान और ईरान के बाद सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. अगर आंकड़ों को देखें तो तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद अफगानिस्तान के साथ भारत के कारोबार में बड़ा बदलाव आया है और साल 2023-24 में आयात 642.29 मिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है. हालांकि निर्यात 16 साल के निचले स्तर पर है.
अफगानिस्तान के क्या-क्या खरीदता है भारत
भारत मुख्य रूप से अंजीन, हींग, किशमिश, सेब, लहसुन, केसर, सौंफ, बादाम, खुबनी, प्याज, अनार अखरोट , मसाले, बादाम आदि खरीदता है. अफगानिस्तान भारत के लिए सेब का मुख्य आपूर्तिकर्ता है. वहां भारत अफगानिस्तान को दवाएं, टीके, सोयाबीन और गारमेंट्स, मसाले भेजता है.