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सरकार का एक ट्वीट और क्रैश हो गया Paytm का शेयर, एक झटके में 10% लुढ़का

Paytm Share: पेटीएम के शेयर एक बाद फिर से चर्चा में है.  गुरुवार, 12 जून को बाजार खुलने के साथ ही पेटीएम के शेयर बुरी तरह से क्रैश कर गए.  शेयर मार्केट खुलते ही One 97 Communications Ltd के शेयर 10 फीसदी तक गिर गए.

 सरकार का एक ट्वीट और क्रैश हो गया Paytm का शेयर, एक झटके में 10% लुढ़का
Bavita Jha |Updated: Jun 12, 2025, 11:46 AM IST
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Why Paytm Share Crash: पेटीएम के शेयर एक बाद फिर से चर्चा में है.  गुरुवार, 12 जून को बाजार खुलने के साथ ही पेटीएम के शेयर बुरी तरह से क्रैश कर गए.  शेयर मार्केट खुलते ही One 97 Communications Ltd के शेयर 10 फीसदी तक गिर गए. पेटीएम के शेयर में ये गिरावट सरकार के एक ट्वीट के बाद आया, जो वित्त मंत्रालय ने UPI ट्रांजैक्शन पर MDR चार्जेज को लेकर की. दरअसल 11 जून को मीडिया में खबरें आई कि 3000 रुपये से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर  मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) लगेगा.  ऐसा माना जा रहा था कि इससे पेटीएम जैसे यूपीआई ट्रांजैक्शन सर्विस प्रोवाइडर्स को फायदा मिलेगा. 

सरकार की सफाई से पेटीएम का नुकसान  

इन खबरों को फेक बताते हुए वित्त मंत्रालय ने एक्स पर जानकारी दी और इस तरह की खबरों को अफवाह बताया.  सरकार ने यूपीआई पेमेंट लेनेदेन पर लगने वाले एमडीआर चार्ज को पूरी तरह से निराधार करार दिया और स्पष्ट किया कि सरकार ऐसा कोई फैसला नहीं करने जा रही है.  सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि यूपीआई पेमेंट से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध हैं. ऐसे में ट्रांजैक्शन पर चार्जेज लगाने की खबरें भ्रामक है.  

सरकार के इस जवाब से पेटीएम को बड़ा झटका लगा. पेटीएम के शेयर 10 फीसदी तक टूट गए.  बाजार खुलने के साथ ही पेटीएम के शेयर 10 फीसदी गिरकर 864.20 रुपये पर पहुंच गए.   One 97 Communications Ltd. के शेयर करीब 55+ रुपये गिरकर 902 रुपये के आस-पास ट्रेड हो रहे हैं.   बता दें कि इससे पहले बीते साल आरबीआई की सख्ती से पेटीएम को बड़ा झटका लगा था, नियमों की अनदेखी के चलते पेटीएम को अपना पेमेंट बैंक बंद करना पड़ा था, केवाईसी समेत कई नियमों के उल्लधंन मामले में आरबीआई ने पेटीएम पर कार्रवाई की थी.  

क्या है  MDR चार्जेस?

बता दें कि MDR (Merchant Discount Rate) पेमेंट प्रोसेसिंग के लिए बैंकों द्वारा ट्रेडर्स से लिया जाने वाला चार्ज है.  बता दें कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए साल 2020 में UPI और RuPay कार्ड के लिए इसे माफ कर दिया गया था. MDR चार्जेंज की शुरुआत से फिनटेक फर्मों के रेवेन्यू में सुधार हो सकता है, लेकिन इन चार्जेज से यूजर्स को नुकसान होता है. सरकार ग्राहकों का आकर्षण डिजिटल पेमेंट से कम नहीं करना चाहती है.  

 

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