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शेयर बाजार की तेजी पर लगी लगाम, अब क्‍यों 1000 अंक से ज्‍यादा टूट गया सेंसेक्स; 10 लाख करोड़ खाक

Sensex and Nifty: रेस‍िप्रोकल टैर‍िफ को लेकर अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि डोनाल्‍ड ट्रंप का रवैया नरम होने के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी देखने को म‍िल रही थी. लेक‍िन हफ्ते के आख‍िरी कारोबारी द‍िन सेंसेक्‍स 1000 अंक से ज्‍यादा टूट गया. 

शेयर बाजार की तेजी पर लगी लगाम, अब क्‍यों 1000 अंक से ज्‍यादा टूट गया सेंसेक्स; 10 लाख करोड़ खाक
Kriyanshu Saraswat|Updated: Apr 25, 2025, 12:47 PM IST
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Stock Market Update: हफ्ते भर की तेजी के बाद भारतीय शेयर बाजार में अब ग‍िरावट देखी जा रही है. शुक्रवार के ट्रेड‍िंग सेशन में सेंसेक्स 1000 अंक से ज्‍यादा ग‍िर गया और निवेशकों के एक द‍िन में करीब 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया. सेंसेक्स एक द‍िन पहले बंद 79,801 अंक से कुछ ऊपर खुला. लेक‍िन बाद में यह ग‍िरकर 78,605 अंक तक चला गया. निफ्टी 50 भी 24,247 अंक से टूटकर 23,847 प्‍वाइंट तक नीचे आ गया. मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी 3% से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. आइए जानते हैं बाजार ग‍िरने का कारण- 

पहलगाम आतंकी हमले से बढ़ी च‍िंता

पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है. इस हमले में कम से कम 26 लोगों की जान चली गई. प्रधानमंत्री मोदी ने हमलावरों को सजा देने का वायदा क‍िया है. बाजार जानकारों का कहना है कि दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव से निवेशक डर में हैं. जानकारों का कहना है क‍ि पाकिस्तान के साथ र‍िश्‍तों को लेकर अन‍िश्‍च‍ितता से बाजार प्रभावित हुआ है. हालांकि, उम्मीद यह है क‍ि तनाव सीमित रहेगा.

मुनाफा से बि‍कवाली का रुख
पिछले करीब 7 द‍िन कारोबारी सत्र के दौरान शेयर बाजार में 8% से ज्यादा की तेजी देखी गई. अब निवेशक मुनाफा वसूली कर रहे हैं. जानकारों का कहना है क‍ि बाजार में आई हाल‍िया तेजी के बाद मुनाफावसूली का दौर शुरू हुआ है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों में बदलाव के कारण भी बाजार स्थिर हो सकता है.

वैश्‍व‍िक अन‍िश्‍च‍ितता का असर
ग्‍लोबल इकोनॉमी में अन‍िश्‍च‍ितता देश के बाजार को भी प्रभावित कर रही है. ट्रंप प्रशासन ने चीन पर लगने वाले टैरिफ को 50-65% तक कम करने की बात कही है, जिससे ग्‍लोबल ट्रेड वार की चिंता में कमी आई है. लेकिन व‍िश्‍व बैंक ने देश के इकोनॉम‍िक ग्रोथ रेट को 6.3% और आईएमएफ ने 6.2% कर दिया है. यह पहले के अनुमान से कम है. इस अनुमान से भारत की मजबूत घरेलू मांग के बावजूद ग्‍लोबल मंदी का असर दिखाता है.

चौथी त‍िमाही के कमजोर नतीजे
मार्च तिमाही (Q4) के कॉर्पोरेट नतीजे मिले-जुले रहे हैं. बैंकिंग सेक्‍टर ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कंपनियों के सतर्क बयानों ने निवेशकों का उत्साह कम किया है. जानकारों का कहना है कि नतीजे उम्मीद के मुताबिक थे. लेकिन ग्‍लोबल अनिश्‍च‍ितता के कारण अगली तिमाही के लिए सकारात्मक संकेत नहीं मिले. इससे बाजार की तेजी रुक गई.

(ड‍िस्‍क्‍लेमर: जी न्‍यूज की तरफ से अपने पाठकों को क‍िसी भी प्रकार के न‍िवेश की सलाह नहीं दी जाती. क‍िसी भी प्रकार का न‍िवेश करने से पहले अपने फाइनेंश‍ियल एडवाइजर से संपर्क करें.)

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