UPI Service: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानी UPI के जरिए डिजिटल पेमेंट सर्विस शनिवार को देशभर में ठप हो गई. यूपीआई सर्विस के डाउन होने से लाखों यूजर्स को परेशानी आई. हालांकि, बाद में अधिकांश यूजर्स के लिए ठीक हो गई और पहले की तरह काम करने लगी. दिल्ली-NCR में यूजर्स ने स्मार्टफोन ऐप के जरिए सफल डिजिटल पेमेंट की जानकारी दी है.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब UPI का सर्वर डाउन हुआ है. पिछले 15 दिनों में यह तीसरी बार है जब UPI के तहत लेनदेन प्रभावित हुआ और सेवाओं में व्यवधान का सामना करना पड़ा. इससे पहले 26 मार्च और 2 अप्रैल को यूपीआई का सर्वर डाउन हुआ था.
11:30 बजे आई शिकायतें
आउटेज ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म डाउन डिटेक्टर के अनुसार, UPI का सर्वर डाउन होने शिकायतें सुबह 11:30 बजे के बाद शुरू हुईं. दोपहर 1 बजे तक 2,358 शिकायतें दर्ज की गईं. यूपीआई सर्विस को लेकर 81 प्रतिशत सबसे ज्यादा शिकायतें पेमेंट को लेकर दर्ज की गईं. वहीं, 17 प्रतिशत शिकायतें फंड ट्रांसफर को लेकर दर्ज की गईं.
NPCI ने क्या बताई वजह
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) एक इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम है, जिसे RBI द्वारा रेगुलेटेड संस्था NPCI ने डेवलप किया है. NPCI ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "NPCI को वर्तमान में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से यूपीआई लेनदेन में बाधा आ रही है. हम इस परेशानी को लेकर काम कर रहे हैं और आपको अपडेट करते रहेंगे. यूजर्स को हो रही असुविधा के लिए हमें खेद है."
डाउन डिटेक्टर के अनुसार, दोपहर 1 बजे तक 2,358 शिकायतें दर्ज की गईं. यूपीआई सर्विस से जुड़ी 81 प्रतिशत सबसे ज्यादा शिकायतें पेमेंट को लेकर दर्ज की गईं. वहीं, 17 प्रतिशत शिकायतें फंड ट्रांसफर को लेकर दर्ज की गईं. यूपीआई सर्विस को लेकर एसबीआई, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसे प्रमुख बैंकिंग ऐप भी प्रभावित हुए.
NPCI is currently facing intermittent technical issues, leading to partial UPI transaction declines. We are working to resolve the issue, and will keep you updated.
We regret the inconvenience caused.
— NPCI (@NPCI_NPCI) April 12, 2025
भारत में UPI काफी लोकप्रिय
भारत में यूपीआई लेनदेन काफी लोकप्रिय है. यहां तक कि हर गुजरते महीने के दौरान इसने नया रिकॉर्ड बनाया है. एनपीसीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई ने मार्च में 18.3 बिलियन लेनदेन की मात्रा दर्ज की, जबकि फरवरी में लेनदेन की मात्रा 16.11 बिलियन थी. लेनदेन की मात्रा को लेकर मासिक आधार पर 13.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
मार्च महीने में यूपीआई-आधारित लेनदेन का रिकॉर्ड 24.77 लाख करोड़ रुपये रहा, जो फरवरी में 21.96 लाख करोड़ रुपये से 12.79 प्रतिशत अधिक है. मार्च में 24.77 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड-तोड़ यूपीआई लेनदेन ने मूल्य में सालाना आधार पर 25 प्रतिशत और मात्रा में 36 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की.