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180km/h की रफ्तार वाली वंदे भारत 76 किमी/ घंटे की स्पीड पर ही क्यों हांफ रही ? रेल मंत्री ने बताया कौन लगा रहा ट्रेन की स्पीड पर ब्रेक

Vande Bharat Top Speed:   180-160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की क्षमता रखने वाली वंदे भारत ट्रेन पटरियों पर दौड़ते वक्त सिर्फ 70-80 किमी प्रति घंटे की औसतन स्पीड से दौड़ रही है. बीते एक साल में इस ट्रेन की रफ्तार और घट गई है.

 180km/h की रफ्तार वाली वंदे भारत 76 किमी/ घंटे की स्पीड पर ही क्यों हांफ रही ? रेल मंत्री ने बताया कौन लगा रहा ट्रेन की स्पीड पर ब्रेक
Bavita Jha |Updated: Jul 27, 2025, 12:48 PM IST
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Vande Bharat Express: भारतीय रेलवे की सबसे पॉपुलर और चर्चित ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस( Vande Bharat Express) अपनी रफ्तार को लेकर फिर से सूर्खियों में है. 180-160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की क्षमता रखने वाली वंदे भारत ट्रेन पटरियों पर दौड़ते वक्त सिर्फ 70-80 किमी प्रति घंटे की औसतन स्पीड से दौड़ रही है. बीते एक साल में इस ट्रेन की रफ्तार और घट गई है. महंगे टिकट लेकर लोग वंदे भारत ट्रेनों में सफर करते हैं, ताकि जल्द से जल्द अपनी मंजिल तक पहुंच सके, लेकिन इसकी रफ्तार बढ़ने के बजाए घटती जा रही है.  

क्यों घट रही वंदे भारत ट्रेनों की रफ्तार ?  

साल 2019 में तेज रफ्तार सफर के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस पहली बार पटरी पर दौड़ी.  उसके बाद से अब तक देश में 140 से ज्यादा वंदे भारत ट्रेनें चल रही है. तमाम मॉर्डन सुविधाओं के साथ चलने वाली इस ट्रेन की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है. टिकट किराए में भी ये बाकी ट्रेनों ने महंगी है, लेकिन इस ट्रेन की रफ्तार को लेकर सवार उठते रहे हैं. संसद में एक बार फिर से वंदे भारत ट्रेनों की स्पीड पर सवाल उठा. राज्यसभा में डॉ फौजिया खान ने सवाल उठाया कि वित्त 2020-23 में इस ट्रेन की औसत स्पीड 84.48 किमी प्रति घंटे की थी, जो साल 2023-24 में घटकर 76-25 किमी प्रति घंटे की रह गई.  उन्होंने रेल मंत्री ने इसका कारण पूछा.  

वंदे भारत  ट्रेन की घटती रफ्तार के पीछे यह वजह 

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ट्रेनों की रफ्तार कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है. उन्होंने कहा कि वंदे भारत ट्रेन को 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन यह अधिकतम 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है. उन्होंने कहा कि ट्रैक की बनावट, रास्ते में रुकने वाले स्टेशनों और रखरखाव के चलते ट्रेन की औसत स्पीड कम होती गई है.  उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि बीते 10 सालों में रेलवे ट्रैक को बेहतर बनाने का काम किया जा रहा है. चौड़े आधार वाले कंक्रीट स्लीपर, मोटे वेब स्विच, लंबे रेल पैनल, एच-बीम स्लीपर और एडवांस ट्रैक मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.  उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही यह ट्रेन अपनी अधिकतम रफ्तार को हासिल कर लेगी.  

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