PM Kisan Disbursement: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 करोड़ किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किश्त के 2000 रुपये डीबीटी के जरिये जारी कर दिये हैं. इस योजना के तहत मिलने वाले सालाना 6000 रुपये को लेकर किसानों के चेहरे पर खुशी है. लेकिन 2 अगस्त को जारी हुई किश्त को लेकर बैंक कर्मचारी यूनियनों और सरकार के बीच तनाव बढ़ गया है. दरअसल, वित्तीय सेवा विभाग (DoFS) ने 3 अगस्त 2025 को रविवार होने के बावजूद पीएम किसान योजना के भुगतान के लिए बैंकों की ब्रांच को खुला रखने का आदेश दिया है.
बैंक खोलने के निर्देश पर जताई चिंता
इसके बाद ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIBEA) के महासचिव, सीएच वेंकटचलम (CH Venkatachalam) ने 3 अगस्त 2025 (रविवार) को पीएम किसान निधि के भुगतान के लिए बैंकों को खोले जाने के निर्देश पर अपनी चिंता जाहिर की है. 2 अगस्त को X पर एक पोस्ट में वेंकटचलम ने लिखा: '#UFBU लेटर: 3 अगस्त, 2025 को रविवार को बैंकों की ब्रांच को खुला रखने का निर्देश- कर्मचारी कल्याण और वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर गंभीर चिंता.'
बैंक कर्मचारी यूनियन ने क्या कहा?
बैंक यूनियनों की तरफ से कहा गया कि 3 अगस्त 2025 (रविवार) को बैंकों के लिए वर्किंग डे (working day) घोषित करने संबंधी किसी तरह की सरकारी अधिसूचना (Gazette notification) जारी नहीं की गई है. ऐसे में बैंकों को उस दिन CBS सिस्टम (कोर बैंकिंग सिस्टम) तक पहुंचने और कोई भी ट्रांजेक्शन करने की अनुमति नहीं है. यूनियन के अनुसार इस दिन किया गया कोई भी ट्रांजेक्शन कानूनी रूप से वैध नहीं होगा, चाहे वह चेक क्लियरिंग, इंटरबैंक डीलिंग या किसी अन्य ऑपरेशन के लिए हों. इनके लिए कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करना जरूरी है.
पीएम किसान के लाभार्थियों को भुगतान के लिए दिया आदेश
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक एम्प्लॉइज (UFBU) ने एक पत्र में कहा 'हम, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियनों (UFBU) की ओर से (देशभर के बैंकिंग सेक्टर के सभी मैनेजर, अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाला ग्रुप) वित्तीय सेवा विभाग की तरफ से जारी किये गए निर्देश पर अपनी गहरी चिंता और निराशा व्यक्त करना चाहते हैं. इस निर्देश में 3 अगस्त, 2025 (रविवार) को बैंक शाखाओं को PM-KISAN योजना के तहत भुगतान के लिए खुला रखने के लिए कहा गया है. निर्देशों के आधार पर सभी बैंक अपनी ब्रांच को 3 अगस्त 2025 (रविवार) को खुला रखने का निर्देश दे रहे हैं ताकि लाभार्थियों को भुगतान किया जा सके.
पत्र में लिखा गया कि हम राष्ट्र-निर्माण और बैंकिंग सिस्टम के जरिये सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते है. किसी भी दायित्व को पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने हमेशा पूरी जिम्मेदारी और ईमानदारी के साथ निभाया है. इस निर्देश से एक बेहद अस्वस्थ परंपरा स्थापित होगी और यह बैंक मैनेजरों, अधिकारियों और कर्मचारियों के अधिकारों और भलाई की उपेक्षा करता है.