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'आधी आबादी' की बढ़ रही हिस्सेदारी, बैंक खाते से लेकर शेयर बाजार में खूब लगा रही हैं पैसा

महिलाएं और बढ़चढ़ कर काम, नौकरी, कारोबारी में हिस्सा ले रही है. महिलाओं आर्थिक रूप से मुख्यधारा के साथ जुड़ रही हैं. महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी के आंकड़ें बैंक से लेकर शेयर बाजार में दिखने लगे हैं.

 'आधी आबादी' की बढ़ रही हिस्सेदारी, बैंक खाते से लेकर शेयर बाजार में खूब लगा रही हैं पैसा
Bavita Jha |Updated: Apr 06, 2025, 12:06 PM IST
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Women Bank Account: महिलाएं और बढ़चढ़ कर काम, नौकरी, कारोबारी में हिस्सा ले रही है. महिलाओं आर्थिक रूप से मुख्यधारा के साथ जुड़ रही हैं. महिलाओं की बढ़ती हिस्सेदारी के आंकड़ें बैंक से लेकर शेयर बाजार में दिखने लगे हैं. देश के कुल बैंक अकाउंट में महिलाओं की हिस्सेदारी 39.2 फीसदी तक पहुंच गई है.  

क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें 

सरकारी आंकड़ों को देखें तो देश में कुल बैंक खातों में महिलाओं की हिस्सेदारी 39.2 प्रतिशत है. वहीं, भारत में बैंक खातों में जमा धन में महिलाओं का योगदान 39.7 प्रतिशत है. सरकार ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में खुले बैंक खातों में महिलाओं की हिस्सेदारी 42.2 प्रतिशत है. पिछले कुछ वर्षों में डीमैट खातों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो शेयर बाजार में बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है.  

31 मार्च, 2021 से 30 नवंबर, 2024 तक डीमैट खातों की कुल संख्या 3.32 करोड़ से बढ़कर 14.30 करोड़ हो गई, जो चार गुना से अधिक की वृद्धि को दर्शाता है. पुरुष खाताधारकों की संख्या लगातार महिला खाताधारकों से अधिक रही है, लेकिन महिलाओं की भागीदारी में भी वृद्धि का रुझान देखा गया है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के अनुसार "पुरुष डीमैट खातों की संख्या 2021 में 2.65 करोड़ से बढ़कर 2024 में 11.53 करोड़ हो गई, जबकि इसी अवधि के दौरान महिला डीमैट खातों की संख्या 66 लाख से बढ़कर 2.7 करोड़ हो गई. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021-22, 2022-23 और 2023-24 के दौरान विनिर्माण, व्यापार और अन्य सेवा क्षेत्रों में महिलाओं के स्वामित्व वाले प्रतिष्ठानों के प्रतिशत में इजाफा देखा गया है.  

पिछले कुछ वर्षों में, डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता प्राप्त ऐसे स्टार्टअप की संख्या में वृद्धि हुई है, जिनमें कम से कम एक महिला निदेशक हैं, जो महिला उद्यमिता में सकारात्मक रुझान को दर्शाता है. ऐसे स्टार्टअप की कुल संख्या 2017 में 1,943 से बढ़कर 2024 में 17,405 हो गई है. 1952 में कुल मतदाताओं की संख्या 17.32 करोड़ से बढ़कर 2024 में 97.8 करोड़ हो गई. साथ ही महिला मतदाता पंजीकरण में मजबूत वृद्धि देखी गई है. आईएएनएस

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