WPI Inflation: फरवरी के महीने में खुदरा महंगाई दर में राहत मिलने के बाद थोक कीमत पर आधारित महंगाई दर में बढ़ोतरी हो गई है. पिछले दिनों खुदरा महंगाई दर गिरकर सात महीने के निचले स्तर 3.61 प्रतिशत पर पहुंच गई. लेकिन फरवरी में थोक कीमतों पर बेस्ड महंगाई दर मामूली रूप से बढ़कर 2.38 प्रतिशत पर पहुंच गई. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में इस बारे में जानकारी दी गई. जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) पर बेस्ड महंगाई दर 2.31 प्रतिशत थी. सब्जी, तेल और पेय जैसे विनिर्मित खाद्य पदार्थ महंगे होने के कारण फरवरी 2025 में महंगाई बढ़ी.
इन चीजों की कीमत में आई तेजी
एक साल पहले फरवरी 2024 में थोक कीमत पर आधारित महंगाई दर 0.2 प्रतिशत थी. मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि फरवरी, 2025 में महंगाई दर में हुआ इजाफा मुख्य रूप से फूड प्रोडक्ट, अन्य विनिर्मित वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं और कपड़ा आदि के दाम में तेजी के कारण है. आंकड़ों के अनुसार मैन्युफैक्चरिंग खाद्य उत्पादों की महंगाई दर बढ़कर 11.06 प्रतिशत हो गई, वनस्पति तेल में 33.59 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पेय पदार्थों की महंगाई महीने के दौरान मामूली रूप से बढ़कर 1.66 प्रतिशत हो गई.
आलू सब्जियों की कीमतों में नरमी आई
हालांकि, सब्जियों की कीमतों में नरमी आई और आलू की महंगाई दर 74.28 प्रतिशत से घटकर 27.54 प्रतिशत पर आ गईं. ईंधन और बिजली कैटेगरी में फरवरी में 0.71 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जबकि पिछले महीने इसमें 2.78 प्रतिशत की गिरावट आई थी. इससे पहले पिछले हफ्ते फरवरी में रिटेल महंगाई दर सालाना आधार पर घटकर 3.61 प्रतिशत पर पहुंच गई. महंगाई को लेकर यह पिछले सात महीने का सबसे निचला स्तर है. एनएसओ (NSO) की तरफ से फरवरी के लिए जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर बेस्ड महंगाई दर के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई.
रेपो रेट के और नीचे आने की उम्मीद
फरवरी की शुरुआत में रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत पर कर दिया था. पिछले दिनों क्रिसिल (CRISIL) की रिपोर्ट में संभावना जताई गई कि नए फाइनेंशियल ईयर 2025-26 में रेपो रेट 50-75 बेसिस प्वाइंट (bps) तक कम हो सकता है. अप्रैल में नए फाइनेंशियल ईयर के दौरान एमपीसी की पहली मीटिंग में फिर से रेपो रेट में कटौती किये जाने की उम्मीद की जा रही है. एमपीसी की मीटिंग से पहले आए महंगाई दर के आंकड़े से रेपो रेट को नीचे लाने में मदद मिलेगी. उम्मीद की जा रही है कि केंद्रीय बैंक इस बार भी रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है.