हर महीने सैलरी से प्रोविडेंट फंड (PF) के नाम पर कटने वाला हिस्सा कई लोगों के लिए सिर्फ एक कटौती बनकर रह जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये पैसा सिर्फ आपके पीएफ अकाउंट में जमा नहीं होता, बल्कि ईपीएफओ इस रकम का निवेश भी करता है? यह निवेश कहां और कैसे होता है और क्या इसमें आपकी मेहनत की कमाई को कोई खतरा है? आइए जानें पूरा सच.
ईपीएफ स्कीम के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों की तरफ से बेसिक सैलरी का 12-12% योगदान किया जाता है. कर्मचारी की ओर से की गई पूरी रकम ईपीएफ अकाउंट में जाती है, जिस पर हर साल ब्याज मिलता है. लेकिन नियोक्ता का योगदान तीन हिस्सों में बंटता है- 3.67% ईपीएफ, 8.33% ईपीएस (पेंशन) और एक छोटी राशि ईडीएलआई (इंश्योरेंस) स्कीम में जाती है.
ईपीएफओ कहां निवेश करता है आपका पैसा?
ईपीएफओ जमा की गई रकम को केवल जमा करके नहीं रखता, बल्कि उसका बड़ा हिस्सा इन्वेस्ट करता है. करीब 85% पैसा सेफ इन्वेस्टमेंट ऑप्शन्स जैसे सरकारी बॉन्ड, ट्रेजरी बिल्स और सार्वजनिक उपक्रमों की गारंटीशुदा स्कीमों में लगाया जाता है. इसका उद्देश्य है कि रिटर्न सुनिश्चित हो और मूलधन सुरक्षित रहे. हाल के वर्षों में ईपीएफओ ने अपने कुल निवेश का लगभग 15% हिस्सा शेयर बाजार से जुड़े ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में भी लगाना शुरू किया है. यह निवेश लॉन्ग टर्म रिटर्न बढ़ाने के इरादे से किया गया है, हालांकि इसका रिस्क सीमित रखने की कोशिश की जाती है.
कहीं रिस्क में तो नहीं आपकी कमाई?
ईपीएफओ का निवेश मॉडल सुरक्षा को प्रायोरिटी देता है. शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट की सीमा तय है और यह केवल ईटीएफ तक सीमित है, जिससे सीधा खतरा नहीं होता. साथ ही, ईपीएफओ एक सरकारी संस्था है, जो इन्वेस्टमेंट से जुड़ी पारदर्शिता और नियमों का पालन करती है.