India's startup: भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के हालिया बयान ने एक नई बहस छेड़ दी है. स्टार्टअप कंपनियों के इनोवेशन पहलू पर गोयल की तरफ से उठाए गए सवाल ने कई भारतीय उद्यमियों को एकजुट करने का काम किया. क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म जेप्टो के सीईओ आदित पलीचा और जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बू जैसे दिग्गजों ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखी है.
स्टार्टअप जगत के सबसे चर्चित चेहरों में से एक पलीचा ने नौकरियों, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में जेप्टो के योगदान का हवाला दिया और इसे ‘भारतीय इनोवेशन में चमत्कार’ करार दिया. उन्होंने प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार को आगे बढ़ाने में उपभोक्ता इंटरनेट कंपनियों की भूमिका के बारे में बताया.
केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा था?
गोयल ने गुरुवार को भारतीय स्टार्टअप समुदाय से कहा था कि वे अपना ध्यान किराना सामान की आपूर्ति और आइसक्रीम बनाने से हटाकर सेमीकंडक्टर, मशीन लर्निंग (एमएल), रोबोटिक्स और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे उच्च प्रौद्योगिकी वाले क्षेत्रों पर लगाएं.
केंद्रीय मंत्री ने पूछा था "क्या हमें आइसक्रीम या चिप्स बनाना है?" पलीचा ने इस पर कहा कि स्टार्टअप इकोसिस्टम, सरकार और भारतीय पूंजी के बड़े पूल के मालिकों को ‘स्थानीय चैंपियन’ के निर्माण में सक्रिय रूप से समर्थन करना चाहिए और ‘उन टीमों को पीछे नहीं हटाना चाहिए जो वहां पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं.’
Zoho के फाउंडर ने क्या कहा?
वहीं, एंटरप्राइज क्लाउड सॉफ्टवेयर प्रमुख 'जोहो' के संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने भारत में डीप टेक इनोवेशन की ओर बदलाव के लिए अपना जोरदार समर्थन व्यक्त किया. उन्होंने इंजीनियरों और स्टार्टअप्स से कहा कि वे आस्तीन ऊपर चढ़ाएं और अपनी वास्तविक तकनीकी क्षमताओं के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करें.
वेम्बू ने केंद्रीय मंत्री की टिप्पणियों को भारत के इंजीनियरों और टेक्नोलॉजी जानकारों के लिए बेहतर समाधान बनाने की चुनौती बताया. वेम्बू ने लिखा, "मैं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के आह्वान को हमारे इंजीनियरों और टेक्नोलॉजी जानकारों के लिए एक चुनौती के रूप में देखता हूं, न कि उंगली उठाने के रूप में. हमें ऐसे स्मार्ट इंजीनियरों की जरूरत है, जो अपनी आस्तीन चढ़ाएं और काम पूरा करें."
वेम्बू ने जोर देकर कहा कि इनोवेशन का समर्थन करने में सरकार की भूमिका है, लेकिन उसे रोबोट या ऑपरेटिंग सिस्टम जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी का सीधे निर्माण या फंडिंग करने का प्रयास नहीं करना चाहिए. सरकार बेहतर ऑपरेटिंग सिस्टम या स्मार्ट रोबोट का आविष्कार नहीं कर सकती. सरकार को ऐसी चीजों की फंडिंग भी नहीं करनी चाहिए.
इंफोसिस के पूर्व CFO ने भी दी प्रतिक्रिया
सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनी इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने गोयल की आलोचना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्रियों से भरोसा बनाए रखने, ‘उच्च प्रौद्योगिकी’ स्टार्टअप की मदद करने और मुश्किलों को दूर करने का आग्रह किया. उन्होंने आश्वासन दिया कि उद्योग अपने वादे पर खरा उतरेगा. पई ने कहा कि चीन से कोई तुलना सही नहीं है क्योंकि भारत में भी ऐसे स्टार्टअप हैं, हालांकि वे ‘छोटे’ हैं.
शादी डॉट कॉम के फाउंडर ने क्या कहा?
स्टार्टअप रियल्टी कार्यक्रम शार्क टैंक इंडिया के निर्णायक मंडल में शामिल और शादी डॉट कॉम के संस्थापक अनुपम मित्तल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि वह कुछ ‘उच्च प्रौद्योगिकी’ कंपनियों से बहुत प्रभावित हुए हैं. मित्तल ने कहा, "पिछले कुछ महीनों में मैं कुछ ‘उच्च प्रौद्योगिकी’ कंपनियों से मिला हूं जिन्होंने मुझे पूरी तरह से चौंका दिया है. भारतीय उद्यमी एआई और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से लेकर ‘मैटेरियल साइंस’ तक दुनिया को चुनौती देने के लिए तैयार हैं. ...लेकिन विकास और व्यावसायीकरण के लिए पूंजी और परिवेश की भारी कमी है."
मित्तल ने लिखा कि ‘संस्थापक बहुत चीजें कर सकते हैं, लेकिन सब कुछ नहीं.’ पलीचा ने पेशेवर सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर लिखा, ‘‘भारत में उपभोक्ता आधारित स्टार्टअप की आलोचना करना आसान है, खासकर जब आप उनकी तुलना अमेरिका/चीन में विकसित की जा रही उच्च प्रौद्योगिकी (डीप-टेक) उत्कृष्टता से करते हैं. वास्तविकता यह है कि आज लगभग 1.5 लाख लोग जेप्टो से आजीविका कमा रहे हैं. यह एक ऐसी कंपनी जो 3.5 साल पहले अस्तित्व में नहीं थी.’’
(इनपुट-भाषा)