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गाजा संघर्ष के विरोध में अशोक यूनिवर्सिटी के छात्र संघठन ने की तेल अवीव यूनिवर्सिटी से सारे संबंध तोड़ने की मांग

अशोक विश्वविद्यालय के छात्र संगठन ने कुलपति को लिखे एक पत्र में कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन में शामिल संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय का सहयोग न्याय और मानवाधिकारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को कमजोर करता है.

गाजा संघर्ष के विरोध में अशोक यूनिवर्सिटी के छात्र संघठन ने की तेल अवीव यूनिवर्सिटी से सारे संबंध तोड़ने की मांग
Kunal Jha|Updated: May 06, 2024, 05:47 PM IST
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Ashoka University: अशोक विश्वविद्यालय के छात्र गाजा में चल रहे युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होंने यूनिवर्सिटी के कुलपति (VC) से इजराइल स्थित तेल अवीव विश्वविद्यालय के साथ सभी एकेडमिक और रिसर्च कोलैबोरेशन को समाप्त करने का आग्रह किया है.

अशोक विश्वविद्यालय के छात्र संगठन ने कुलपति को लिखे एक पत्र में कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन में शामिल संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय का सहयोग न्याय और मानवाधिकारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को कमजोर करता है.

छात्र संगठन ने पत्र में कहा "हम फिलिस्तीन में चल रहे नरसंहार के बारे में काफी चिंतित हैं, जिसमें गाजा पर इजरायली युद्ध के कारण कम से कम 34,596 फिलिस्तीनियों ने अपनी जान गंवा दी है और 77,816 घायल हो गए हैं. चूंकि इजरायली सेना की क्रूरता जारी है...इसलिए विश्वविद्यालयों के छात्र अब सक्रिय रूप से अपने इंस्टीट्यूट से इजरायली विश्वविद्यालयों और एक्सचेंस प्रोग्राम का बहिष्कार करने, गाजा पर युद्ध के बारे में खुली बातचीत करने का आह्वान कर रहे हैं. "कोलंबिया विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा विश्वविद्यालयों में शिविरों के रूप में चल रहे विरोध प्रदर्शन की भावना और परिणाम जीवंत उदाहरण हैं."

छात्रों ने दावा किया कि हरियाणा के सोनीपत में स्थित अशोक विश्वविद्यालय ने तेल अवीव विश्वविद्यालय के साथ रिसर्च पार्टनरशिप, टीचिंग के लिए फैकल्टी के दौरे, छात्र मोबिलिटी (आउटबाउंड और इनबाउंड), रिसर्च कोलैबोरेशन, शॉर्ट टर्म स्टडी ऑपर्च्युनिटी के साथ-साथ जॉइंट प्रोग्राम भी चलाए हैं.

"तेल अवीव विश्वविद्यालय के कार्यों के संबंध में प्रस्तुत साक्ष्यों के आलोक में, हम अपनी संस्था से तेल अवीव विश्वविद्यालय के साथ सभी संबंधों को तब तक तोड़ने का आग्रह करते हैं जब तक कि मुद्दों के समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाते.

"तेल अवीव विश्वविद्यालय के इजरायली सेना के साथ घनिष्ठ संबंध और फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर कब्जे के लिए इसका समर्थन गंभीर नैतिक प्रश्न खड़े करता है. मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय का सहयोग न्याय और मानवाधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को कमजोर करता है.

छात्रों के संगठन ने आरोप लगाया "इसमें एल्बिट सिस्टम्स जैसे इजरायली हथियार निर्माताओं के साथ तेल अवीव के संबंध शामिल हैं. तेल अवीव विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आईओएफ (IOF) की आचार संहिता का मसौदा तैयार करने, युद्ध अपराधों के लिए आईओएफ सदस्यों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करने और सैन्य अभियानों को निर्देशित करने वाले सिद्धांतों का मसौदा तैयार करने में शामिल रहे हैं."

छात्र संगठन की याचिका में बहिष्कार, विनिवेश और प्रतिबंध (BDS) आंदोलन का भी उल्लेख किया गया है, जो गाजा पर युद्ध में शामिल होने के आरोपी कंपनियों के बहिष्कार का आह्वान करता है.

इसमें आगे कहा गया है कि सभी फिलिस्तीनी विश्वविद्यालयों को इजरायली बलों द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था. तेल अवीव विश्वविद्यालय "फिलिस्तीनी लोगों के बीच बातचीत को दबाने और फिलिस्तीनी विद्वानों के काम को रोकने के लिए अस्तित्व में है" और संस्था को हथियार निर्माता और इजरायली खुफिया एजेंसियां, जैसे शिन बेट और मोसाद से कथित तौर पर गठजोड़ से धन और लाभ प्राप्त होता है.

याचिका में कहा गया है कि तेल अवीव विश्वविद्यालय की शैक्षणिक स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय और मानवाधिकार के सिद्धांतों को बनाए रखने की जिम्मेदारी है.

इसमें कहा गया है, ''व्यवस्थित मानवाधिकारों के हनन से जुड़े एक विश्वविद्यालय के साथ संबंध बनाए रखकर, अशोक विश्वविद्यालय इन उल्लंघनों में शामिल है.'' इसमें कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा युद्ध पर चिंता जताने के साथ, अशोक विश्वविद्यालय को नैतिक आचरण और मानवाधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करनी चाहिए.

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