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10th 12th Board Exams: 10वीं 12वीं बोर्ड एग्जाम में फेल होने वालों के पास ये हैं ऑप्शन

Board Failed Students: बोर्ड परीक्षाओं में सफलता ही सब कुछ नहीं है. कई स्टूडेंट ऐसे होते हैं जिनकी रुचि पारंपरिक शिक्षा की बजाय किसी खास स्किल या बिजनेस में होती है.

10th 12th Board Exams: 10वीं 12वीं बोर्ड एग्जाम में फेल होने वालों के पास ये हैं ऑप्शन
chetan sharma|Updated: Apr 30, 2025, 12:10 PM IST
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10th 12th Fail Students: बोर्ड परीक्षाओं में असफल होना छात्रों के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है, लेकिन यह उनके एकेडमिक सफर का अंत नहीं है. वास्तव में, उनके पास आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने के कई अवसर मौजूद हैं. कंपार्टमेंट परीक्षा से लेकर ओपन स्कूलिंग और वोकेशनल कोर्सेज तक, ऐसे कई रास्ते हैं जिन्हें अपनाकर स्टूडेंट्स न केवल अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं बल्कि एक सफल करियर भी बना सकते हैं. आइए जानते हैं उन प्रमुख विकल्पों के बारे में जो 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में फेल होने वाले छात्रों के लिए उपलब्ध हैं.

बोर्ड परीक्षा में फेल हुए स्टूडेंटों के लिए बेहतरीन ऑप्शन
बोर्ड परीक्षाओं में असफल होना निश्चित रूप से निराशाजनक हो सकता है, लेकिन यह अंत नहीं है. स्टूडेंट्स के पास अभी भी कई रास्ते खुले हैं जिनसे वे अपने भविष्य को संवार सकते हैं. यहां कुछ ऑप्शन दिए गए हैं:

कंपार्टमेंट एग्जाम
यदि स्टूडेंट एक या दो सब्जेक्ट में फेल हुए हैं, तो उनके पास कंपार्टमेंट या पूरक परीक्षा देने का ऑप्शन होता है. CBSE और CISCE जैसे बोर्ड स्टूडेंटों को उसी साल इन परीक्षाओं में बैठने का मौका देते हैं ताकि उनका साल बर्बाद न हो.

इम्प्रूवमेंट एग्जाम
जो स्टूडेंट पास तो हो गए हैं लेकिन अपने नंबरों से संतुष्ट नहीं हैं, वे इम्प्रूवमेंट परीक्षा दे सकते हैं. यह उन्हें अगले साल कुछ खास विषयों में दोबारा परीक्षा देकर अपने स्कोर सुधारने का अवसर देता है.

NIOS (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग)
NIOS उन स्टूडेंटों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो फॉर्मल स्कूलिंग सिस्टम के साथ तालमेल बिठाने में कठिनाई महसूस करते हैं. यह ओपन लर्निंग का एक फ्लेक्सिबल तरीका प्रदान करता है, जिससे स्टूडेंट अपनी स्पीड और सुविधा के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं और फिर से बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकते हैं.

वोकेशनल एंड स्किल बेस्ड कोर्स
बोर्ड परीक्षाओं में सफलता ही सब कुछ नहीं है. कई स्टूडेंट ऐसे होते हैं जिनकी रुचि पारंपरिक शिक्षा की बजाय किसी खास स्किल या बिजनेस में होती है. ऐसे स्टूडेंटों के लिए कई तरह के वोकेशनल एंड स्किल बेस्ड कोर्स उपलब्ध हैं, जैसे कि आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) कोर्सेज, डिप्लोमा कोर्सेज, और अन्य टेक्निकल ट्रेनिंग प्रोग्राम. ये कोर्स स्टूडेंटों को रोजगार के लिए तैयार करते हैं और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करते हैं.

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डिस्टेंस लर्निंग या ऑनलाइन कोर्स
आजकल कई यूनिवर्सिटी और संस्थान डिस्टेंस एजुकेशन और ऑनलाइन कोर्स प्रदान करते हैं. ऐसे कई कोर्स हैं जिनमें एडमिशन के लिए बोर्ड परीक्षा के नंबरों की जरूरत नहीं होती है या कम महत्व दिया जाता है. स्टूडेंट अपनी रुचि और करियर टारगेट्स के मुताबिक इन कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं और नए स्किल सीख सकते हैं.

यह याद रखना जरूरी है कि असफलता अंतिम नहीं है. सही मार्गदर्शन और प्रयास से, बोर्ड परीक्षा में असफल हुए स्टूडेंट भी सफलता की ऊंचाइयों को छू सकते हैं. उन्हें अपनी रुचियों और क्षमताओं का आकलन करना चाहिए और फिर उपलब्ध ऑप्शन में से सबसे सटीक का चयन करना चाहिए.

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