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40 की उम्र! दो बच्चों की मां और नौकरी के साथ पास की UPSC परीक्षा, पढ़ें निसा की Inspiring Story

UPSC Success Story: पढ़ें केरल की रहने वाली निशा उन्नीराजन की सफलता की कहानी, जिन्होंने 40 साल की उम्र में दो बच्चों की मां होने के बावजूद यूपीएससी परीक्षा पास की. 

40 की उम्र! दो बच्चों की मां और नौकरी के साथ पास की UPSC परीक्षा, पढ़ें निसा की Inspiring Story
Muskan Chaurasia|Updated: May 10, 2025, 04:29 PM IST
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Nisha Unnirajan UPSC Inspiring Story: अगर आप कड़ी मेहनत और पूरे लगन के साथ किसी काम को करें तो सफलता जरूर आपको मिलती है. ये बात सिर्फ कहने या लिखने के लिए नहीं है बल्कि इस कथन को सही सबित किया देश के तमाम उन कैंडिडेट्स ने जिन्होंने यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को क्रैक किया है. आज के इस खबर में हम ऐसी ही एक महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जो तमाम चुनौतियों को पार करके यूपीएससी परीक्षा पास की है. 

हम बात कर रहे हैं केरल की रहने वाली निशा उन्नीराजन की. उन्होंने 40 साल की उम्र में सिविल सेवा परीक्षा 2024 पास की है. उन्होंने 1000वीं रैंक हासिल करके उन तमाम लोगों को संदेश दिया है जो असफलता  या फिर उम्र या परिवार की समस्याओं के कारण हार मानकर बैठ जाते हैं. 

दरअसल, निशा उन्नीराजन ने अपने 7वें प्रयास में इस परीक्षा को पास किया है. वह दो बच्चों की मां हैं. साथ ही वह नौकरी भी करती है. इतना ही नहीं उन्हें सुनने की भी समस्या है. इन तमाम चीजों के बावजूद उन्होंने दिन-रात एक करके इस परीक्षा के लिए पढ़ाई की और आखिरकार अपने मंजिल को हासिल कर ही लिया.

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35 साल की उम्र से कर रही हैं तैयारी 
इस बड़ी सफलता पर मीडिया से बात करते हुए निशा उन्नीराजन ने बताया कि उनका सिविल सेवा में जाने का बचपन से ही सपना था. हालांकि, कई कारणों के वजह से वह इस परीक्षा में सफल नहीं हो पा रही थी. उन्होंने बताया कि वह 35 साल की उम्र से इस परीक्षा के लिए तैयारी कर रही है. 

परिवार ने दिया साथ
दो-दो बच्चों की मां होने के बावजूद इस परीक्षा की तैयारी करना आसान बात नहीं है. अपनी तैयारियों को लेकर निशा उन्नीराजन ने कहा कि यह वाकई बहुत कठिन था, लेकिन माता-पिता और पति के सहयोग से पूरा हो पाया है. मेरे परिवार इस दौरान में पूरा साथ दिया है. पढ़ाई के लिए उन्होंने अलग-अलग टॉपिक को हर दिन के बांटा हुआ था, जिससे वह हर दिन पूरा करती रहीं.    

युवाओं के लिए मैसेज
निशा उन्नीराजन ने युवाओं को अपनी इस कहानी से ये संदेश दिया कि आपके जीवन में भले ही कितनी भी मुश्किलें क्यों ना आए या फिर आपको कई बार असफलता ही क्यों ना मिले आपको हार नहीं मानना है और लगातार अपने लक्ष्य के प्रति प्रयास करते रहना है.  

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