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Success Story: चूल्हा-चौका संभाला, बच्चे को पाला... इस बहू ने पहले अटेंप्ट में पास किया UGC NET, कहानी सुन भर आएंगी आंखें!

A mother Cracks UGC NET June 2025: नीतू का मंत्र सरल है: खुद पर विश्वास, अनुशासन और लगातार प्रैक्टिस. अपनी गलतियों से सीखना भी उतना ही जरूरी है. वे सचमुच इस कहावत में विश्वास करती हैं, "मन के हारे हार है, मन के जीते जीत."

Success Story: चूल्हा-चौका संभाला, बच्चे को पाला... इस बहू ने पहले अटेंप्ट में पास किया UGC NET, कहानी सुन भर आएंगी आंखें!
chetan sharma|Updated: Jul 25, 2025, 06:04 AM IST
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UGC NET 2025 Success Story: बिहार के मधेपुरा जिले के एक दूरदराज के गांव रामनगर महेश में, एक हाउस वाइफ ने पहली बार में ही UGC NET जून 2025 की परीक्षा पास करके एक  सफलता की कहानी लिखी है. घर की जिम्मेदारियों, बच्चे की परवरिश और साथ ही अपनी पोस्टग्रेजुएट परीक्षाओं की तैयारी, उन्होंने सभी बाधाओं को पार कर यह मुकाम हासिल किया. 

24 साल की नीतू कुमारी ने हिंदी में 76.91 परसेंटाइल हासिल किया. उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर, जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) और पीएचडी पात्रता के लिए आवेदन किया था.

घर, बच्चा और पढ़ाई: समय कैसे संभाला?

एनडीटीवी के मुताबिक, नीतू बताती हैं कि घर के काम, बच्चे की देखभाल और पढ़ाई को एक साथ संभालना आसान नहीं था. उन्होंने अपने पढ़ाई के समय को हर दिन तीन हिस्सों में बांटा. वे सुबह के घरेलू काम 7 बजे तक निपटा लेती थीं और फिर 9 बजे तक पढ़ाई करती थीं. दोपहर के खाने और थोड़े आराम के बाद, वे दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक फिर से पढ़ाई करती थीं. रात में, घर के सारे काम खत्म करने और बच्चे को सुलाने के बाद, वे रात 8 बजे से 10 बजे तक दोबारा पढ़ाई करती थीं. कुल मिलाकर, वे हर दिन औसतन 6 से 7 घंटे पढ़ाई कर पाती थीं.

UGC NET की तैयारी के लिए कौन सी किताबें या नोट्स पढ़े?

नीतू ने किसी खास किताब पर निर्भर नहीं किया. उन्होंने बताया कि उन्होंने पूरी तरह से अपने टीचर द्वारा दिए गए नोट्स पर ध्यान दिया. वे लेक्चर्स से छोटे-छोटे नोट्स बनाती थीं और उनका नियमित रूप से रिवीजन करती थीं. उनके लिए निरंतरता (consistency) सबसे अहम थी.

ऑनलाइन क्लास या कोचिंग से मिली मदद?

हां, नीतू ने एक ऐप पर ऑनलाइन क्लासेस जॉइन की थीं. पेपर 1 और पेपर 2 के लिए, उन्होंने अपने सर से पढ़ाई की, जिनका मार्गदर्शन उनकी तैयारी में बहुत अहम रहा.

गांव में ससुराल में रहते हुए तैयारी करने में क्या चुनौतियां आईं?

गांव में और ससुराल में रहते हुए UGC NET की तैयारी करना निश्चित रूप से एक चुनौती थी. लेकिन नीतू ने उन मुश्किलों को अपनी सफलता की सीढ़ी माना. उन पर काबू पाना उनकी यात्रा का हिस्सा बन गया – और वास्तव में, उनकी सफलता के पीछे एक प्रमुख कारण भी.

किससे मिली प्रेरणा?

नीतू को सबसे बड़ी प्रेरणा अपने पति, सुमित ठाकुर, और अपने नाना जी से मिली, दोनों ने हमेशा उन्हें मोटिवेट किया और उनकी क्षमताओं पर विश्वास किया. उनके प्रोत्साहन ने उन्हें बड़े लक्ष्य रखने और कभी हार न मानने के लिए प्रेरित किया.

पोस्टग्रेजुएट परीक्षा के साथ UGC NET की तैयारी करना कितना मुश्किल था?

यह निश्चित रूप से मुश्किल था. लेकिन इसका फायदा यह था कि NET में पेपर 2 उनके पोस्टग्रेजुएट सब्जेक्ट से जुड़ा हुआ था, इसलिए वे दोनों की तैयारी एक साथ कर पाईं. उन्होंने दिसंबर में अपनी पहले साल की PG परीक्षा दी और फिर फरवरी से NET की तैयारी पर पूरा ध्यान देना शुरू किया. पेपर 1 सामान्य प्रकृति का था, इसलिए उन्होंने इस पर एक्स्ट्रा समय दिया.

सफलता का सबसे बड़ा मंत्र क्या है?

नीतू का मंत्र सरल है: खुद पर विश्वास, अनुशासन और लगातार प्रैक्टिस. अपनी गलतियों से सीखना भी उतना ही जरूरी है. वे सचमुच इस कहावत में विश्वास करती हैं, "मन के हारे हार है, मन के जीते जीत."

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पहली बार UGC NET देने वालों के लिए खास टिप्स

  • नीतू ने पहली बार UGC NET देने वाले उम्मीदवारों के लिए कुछ जरूरी टिप्स दिए:

  • सबसे पहले, खुद पर विश्वास करें. यकीन रखें कि आप यह परीक्षा पास कर सकते हैं.

  • बहुत सारी किताबों या सोर्स के बीच न कूदें. एक अच्छे टीचर या गाइड को चुनें और उन पर टिके रहें.

  • पहले थ्योरिटिकल फ्रेमवर्क (theoretical framework) को समझें, अपने सिलेबस को अपना दोस्त बनाएं, और कम से कम पिछले पांच साल के पेपर सॉल्व करें.

  • लगातार रिवीजन और प्लानिंग प्रैक्टिस से ही फर्क पड़ता है. जैसा कि कहा जाता है, "करत करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान" - लगातार प्रयास करने से मंदबुद्धि भी बुद्धिमान बन जाता है.

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