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Success Story: पिकअप ड्राइवर की बेटी युवाओं की प्रेरणा, कोविड-19 में नौकरी छोड़ बनीं SDM

BPSC Success Story: पिता पिकअप ड्राइवर और मां आंगनवाड़ी सेविका इसके बावजूद बेटी बिना किसी कोचिंग के बनीं सीनियर डिप्टी कलेक्टर. जानिए बिहार की डिंपल ज्योति रानी की प्रेरणादायक कहानी.   

SDM डिंपल ज्योति रानी सक्सेस स्टोरी
SDM डिंपल ज्योति रानी सक्सेस स्टोरी
Deepa Mishra|Updated: May 20, 2025, 05:06 PM IST
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SDM Jyoti Rani Success Story : सरकारी नौकरी करना अधिकांश युवाओं का सपना होता है, लेकिन अपने सपने को कुछ ही लोग पूरा कर पाते हैं. कहते है न कामयाबी भी उसी की कदम चूमती है, जिसके अंदर कुछ करके दिखाने का जज्बा और चुनौतियों को पार करने का हौसला होता है. इस बात को असल जीवन में सिद्ध करके दिखाया है डिंपल ज्योति रानी ने. उन्होंने कोविड के समय बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी के बलबूते राज्य स्तर पर सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा पास की और सीनियर डिप्टी कलेक्टर (SDM/SDC) के पद पर नियुक्त हुई. चलिए हम आपके उनकी प्रेरणादायक सफर के बारे में बताते हैं. 

पहले प्रयास में मिली निराशा 
साल 2019 में सभी ने महामारी का प्रकोप झेला, कोविड-19 ने लाखों लोगों की जान ले ली, परिवारों को उजाड़ दिया और हजारों को बेरोजगार बना दिया. इसी समय डिंपल ज्योति रानी ने अपनी नौकरी छोड़ दी और लॉकडाउन के मुश्किल घड़ी में सरकारी नौकरी करने का फैसला लिया. आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने बिना किसी कोचिंग दिन में घंटों मोबाइल के सहारे सेल्फ स्टडी की. पहले प्रयास में ज्योति के हाथ असफलता लगी, लेकिन अपने दूसरे प्रयास में ज्योति ने बीपीएससी 67वीं परीक्षा में 256वीं रैंक हासिल किया और सीनियर डिप्टी कलेक्टर के पोस्ट पर नियुक्त हुई. उनकी पहली पोस्टिंग पश्चिमी चंपारण में हुई. 

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नौकरी छोड़ बनीं SDM 
बता दें, एसडीएम ज्योति रानी मूल रूप से बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल प्रखंड की रहने वाली है. ये एक सामान्य परिवार से आती है. इनके पिता पिकअप ड्राइवर और मां आंगनवाड़ी सेविका हैं. एसडीएम ज्योति रानी ने अपनी 12वीं पटना से की है. इंटरमीडिएट पूरा करने के बाद ही ज्योति ने आईआईटी की तैयारी शुरू कर दी. इसके लिए उन्होंने अपनी एक साल की पढ़ाई छोड़ दी. इसके बाद ज्योति ने जयपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन से बी.टेक किया. जिसके बाद उन्हें सालाना 6 लाख पैकेज वाली प्राइवेट नौकरी मिली, लेकिन कोविड-19 के दौरान उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू कर दी. 

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