Full Scholarship For Indian Students: कई छात्रों का सपना विदेश में पढ़ाई करने का होता है, लेकिन महंगी पढ़ाई और लाखों में ट्यूशन फीस को देखते हुए आर्थिक रूप से कमजोर छात्र अपने सपने सपने को पूरा नहीं कर पाते हैं. पारिवारिक स्थिति को देखते हुए वो अपनी इच्छा को मन में ही दबा लेते हैं, अगर आप भी उन्हीं छात्रों में से एक हैं, तो बता दें, अभी भी कई ऐसे देश हैं, तो भारतीय छात्रों को पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप देते हैं. जिस कारण छात्रों को पढ़ाई के लिए मोटी रकम नहीं देनी होती है और ट्यूशन फीस का टेंशन भी नहीं लेना होता है.
दरअसल, अलग-अलग देशों की सरकार और यूनिवर्सिटीज चाहती हैं कि उनके यहां टॉप स्टूडेंट्स पढ़ें. यहीं कारण है कि कई देशों में छात्रों को पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप दी जाती है. कुछ जगहों पर तो छात्रों को फुल स्कॉलरशिप दी जाती है. वहीं, कई जगह छात्रों के ट्यूशन फीस को माफ करने के लिए उन्हें स्कॉलरशिप दी जाती है. जिससे छात्रों को विदेशों में पढ़ने में काफी सहूलियत मिलती है. आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों का विदेश में पढ़ाई करना सपना साकार हो पाता है. ऐसे में चलिए हम आपको उन देशों के बारे में बताते हैं, जो विदेशी छात्रों को स्कॉलरशिप देता है.
जर्मनी
जर्मनी एस ऐसा देश है, जो आज के समय में पढ़ाई करने के लिए एक अच्छा विकल्प है. जर्मनी को साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स जैसी विषयों की पढ़ाई के लिए बेहतरीन माना जाता है. यहां पर छात्रों को सरकारी यूनिवर्सिटी में कोई फीस नहीं देनी होती है. जर्मनी में छात्रों को DAAD के जरिए फुली फंडेड स्कॉलरशिप मिलती है. जिसमें छात्रों के ट्यूशन फीस, रहने और खाने के खर्च से लेकर ट्रैवल और इंश्योरेंस का खर्च भी शामिल होता है.
नॉर्वे
नॉर्वे भी दुनिया के उन गिने चुने देशों में से एक है, जहां के सरकारी यूनिवर्सिटी में छात्रों को ट्यूशन फीस नहीं देनी होती है. हालांकि, नॉर्वे में छात्रों को रहने के लिए एक मोटी रकम खर्च करन होती है.
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साउथ कोरिया
हायर एजुकेशन के लिए साउथ कोरिया आज के समय में काफी लोकप्रिय देश के रूप में उभर रहा है, क्योंकि वहां भारतीय छात्रों को सरकारी यूनिवर्सिटी में फुल स्कॉलरशिप मिलती है. जिसमें ट्यूशन फीस सहित रहने, खाने, ट्रैवल, आदि खर्चा शामिल होता है. साउथ कोरिया में पढ़ने की खास बात यह है कि वहां की ग्लोबल कोरिया स्कॉलरशिप (GKS) के जरिए छात्र अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट दोनों कर सकते हैं
नीदरलैंड
नीदरलैंड भी दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है, जहां विदेशी छात्रों को सरकारी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिलती है. नीदरलैंड में छात्रों को Erasmus+ प्रोग्राम के जरिए फुली फंडेड स्कॉलरशिप मिलती है. बता दें, नीदरलैंड हाई-क्वालिटी, रिसर्च बेस्ड पढ़ाई के लिए जानी जाती है.
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