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CBSE ने 2025-26 वाले स्टूडेंट्स के लिए बदली पॉलिसी, ऐसे होगा स्टूडेंट्स को फायदा

CBSE New Policy: बोर्ड ने यह भी साफ किया है कि एक बार जब स्टूडेंट बोर्ड परीक्षा के लिए अपने सब्जेक्ट तय कर लेंगे, तो बाद में कोई बदलाव नहीं हो सकेगा.

CBSE ने 2025-26 वाले स्टूडेंट्स के लिए बदली पॉलिसी, ऐसे होगा स्टूडेंट्स को फायदा
chetan sharma|Updated: May 31, 2025, 09:32 AM IST
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CBSE ने 10वीं क्लास में बेसिक मैथमेटिक्स लेने वाले स्टूडेंट्स को अब 11वीं क्लास में स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स लेने की इजाजत दे दी है. यह फैसला COVID-19 महामारी के दौरान मिली छूटों को जारी रखते हुए लिया गया है.

क्या था पुराना नियम और अब क्या बदला?

2020 में, CBSE ने गणित के दो लेवल शुरू किए थे: स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स और बेसिक मैथमेटिक्स. जिन स्टूडेंट्स को आगे गणित की पढ़ाई नहीं करनी थी, वे 10वीं में बेसिक मैथमेटिक्स चुन सकते थे, जबकि जिन्हें गणित आगे पढ़ना था, वे स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स चुनते थे.

पहले, अगर आपने 10वीं में बेसिक मैथमेटिक्स ली थी, तो आप 11वीं में स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स नहीं ले सकते थे. लेकिन अब CBSE ने इस नियम को बदल दिया है ताकि यह शिक्षा के बदलते माहौल के साथ बेहतर तालमेल बिठा सके.

स्कूल का रोल और जरूरी बातें

यह बदलाव इस बात पर निर्भर करेगा कि स्कूल के प्रिंसिपल या संस्था के प्रमुख यह कन्फर्म करें कि स्टूडेंट में स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स की पढ़ाई करने की जरूरी योग्यता और क्षमता है. यानी, स्कूल को यह देखना होगा कि स्टूडेंट इस सब्जेक्ट की चुनौतियों का सामना कर पाएगा या नहीं.

बोर्ड ने यह भी साफ किया है कि एक बार जब स्टूडेंट बोर्ड परीक्षा के लिए अपने सब्जेक्ट तय कर लेंगे, तो बाद में कोई बदलाव नहीं हो सकेगा. इसलिए, स्टूडेंट्स और अभिभावकों दोनों को सलाह दी जाती है कि वे सब्जेक्ट चुनते समय सोच-समझकर फैसला लें.

ऑफिशियल सर्कुलर में क्या कहा गया है?

एकेडमिक सेशन 2025-2026 से बोर्ड ने पुराने नियम में ढील देने का फैसला किया है. पहले, 10वीं क्लास में मैथमेटिक्स बेसिक (241) लेने वाले स्टूडेंट केवल एप्लाइड मैथमेटिक्स ही 11वीं में ले सकते थे.

अब, नए दिशानिर्देशों के तहत, जिन स्टूडेंट्स ने मैथमेटिक्स बेसिक (241) पूरी की है, उन्हें 11वीं क्लास में मैथमेटिक्स (041) लेने की भी अनुमति होगी.

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लेकिन, किसी भी स्टूडेंट को मैथमेटिक्स (041) में दाखिला देने से पहले, संस्था/ स्कूल के प्रमुख को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्टूडेंट में 11वीं क्लास में इस सब्जेक्ट को पढ़ने की योग्यता और क्षमता है. स्कूलों से अनुरोध किया गया है कि वे इस बदलाव के बारे में अभिभावकों और स्टूडेंट्स को सूचित करें ताकि सही निर्णय लिए जा सकें.

बोर्ड के सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि एक बार सब्जेक्ट सेलेक्ट करके लिस्ट ऑफ कैंडिडेट्स (LOC) में जमा कर दिया गया, तो बाद में कोई बदलाव नहीं होगा.

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