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Success Story: पापा के गैरेज से IIT तक: एक टीचर की सलाह ने कैसे बदली इस लड़के की किस्मत

Sushant N Prabhu IIT-Kanpur: अपनी पढ़ाई के दौरान, सुशांत ने गैरेज में अपने मैकेनिकल स्किल का इस्तेमाल करते हुए 'सेल्फ-चेन एडजस्टमेंट सिस्टम' नाम का एक डिवाइस बनाई.

Success Story: पापा के गैरेज से IIT तक: एक टीचर की सलाह ने कैसे बदली इस लड़के की किस्मत
chetan sharma|Updated: Jun 25, 2025, 12:32 PM IST
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Sushant N Prabhu Success Story: कभी-कभी जिंदगी में मिली एक छोटी सी सलाह भी सब कुछ बदल देती है. ऐसी ही एक कहानी है कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली तालुक के मेगारवल्ली गांव के 18 साल के सुशांत एन प्रभु की. अपने एक टीचर की सही समय पर मिली सलाह की बदौलत, सुशांत अब IIT-कानपुर के बी.टेक (केमिकल इंजीनियरिंग) प्रोग्राम में पढ़ रहे हैं. उनकी इस उपलब्धि पर पूरे राज्य में उनकी तारीफ हो रही है, कर्नाटक के शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने तो उन्हें फेसबुक पर बधाई भी दी.

साधारण शुरुआत
सुशांत एक साधारण परिवार से आते हैं. उनके पिता, नरसिम्हामूर्ति, एक मोटरसाइकिल मैकेनिक हैं, और उनकी मां, सुजाता, एक दर्जी हैं. कम पढ़ी-लिखी होने के बावजूद, दोनों माता-पिता यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ थे कि उनके बच्चों को बेहतर अवसर मिलें.

सुशांत ने बचपन में अपने पिता के गैरेज में मदद करते हुए काफी समय बिताया, जिससे उन्हें मैकेनिकल चीजों की प्रैक्टिकल जानकारी मिली. इसके साथ ही उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई एक सरकारी स्कूल से की.

पढ़ाई में वह हमेशा अव्वल रहे. उन्होंने अपनी SSLC (10वीं) की परीक्षा में 625 में से 620 नंबर हासिल किए. इसके बाद उन्होंने बेंगलुरु के राष्ट्र उत्थान परिषद के आवासीय स्कूल में PUC (प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स) किया और JEE की तैयारी की. उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई जब उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में JEE परीक्षा पास कर ली.

'सेल्फ-चेन एडजस्टमेंट सिस्टम'

अपनी पढ़ाई के दौरान, सुशांत ने गैरेज में अपने मैकेनिकल स्किल का इस्तेमाल करते हुए 'सेल्फ-चेन एडजस्टमेंट सिस्टम' नाम का एक डिवाइस बनाई. यह एक ऐसी डिवाइस है जो मोटरसाइकिल की चेन को अपने आप एडजस्ट करती है.

इस नए आविष्कार ने पूरे देश का ध्यान खींचा और इसे साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की 'इंस्पायर अवार्ड्स-मानक' योजना के तहत प्रदर्शित किया गया.

एक मुलाकात जिसने सब कुछ बदल दिया

सुशांत की जिंदगी में बड़ा बदलाव तब आया जब वह अपने प्रोजेक्ट को पेश करने के लिए NIT सूरतकल गए थे. वहीं पर उनके टीचर, राघवेंद्र ए. भट्ट ने उन्हें IITs और JEE (ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन) के बारे में बताया. इस मुलाकात से प्रेरित होकर, सुशांत ने IIT में जाने का टारगेट बनाया और पूरी लगन से तैयारी शुरू कर दी.

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अब IIT-कानपुर में पढ़ रहे सुशांत बड़े सपने देखते हैं. वह भविष्य में नौकरी करना चाहते हैं, अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं और सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी करना चाहते हैं, ताकि समाज की सेवा कर सकें और एक बड़ा बदलाव ला सकें.

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