CBSE, NEET UG, JEE Main: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के परीक्षा नियंत्रक, संयम भारद्वाज ने 10वीं और 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दे रहे हैं. इसमें 12वीं के बाद की तैयारी को लेकर भी सवाल थे. स्टूडेंट्स के बीच भ्रम कि स्थिति को दूर करने के लिए उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस से बात की.
क्या सीबीएसई का सिलेबस मार्केट की जरूरतों के हिसाब से है?
सीबीएसई एक नेशनल बोर्ड है जो समय के साथ चलता है. यह 10वीं और 12वीं क्लास में मिलाकर लगभग 204 कोर्स ऑफर करता है. सीबीएसई एनसीईआरटी द्वारा बनाए गए कोर्स और सिलेबस को अपनाता है, और एनसीईआरटी भविष्य की जरूरतों के हिसाब से समय-समय पर सिलेबस को बदलता रहता है.
क्या सीबीएसई तनाव कम करने में मदद करता है, क्योंकि 12वीं कक्षा के कई छात्र प्रतियोगिता के दबाव में रहते हैं?
सीबीएसई की परीक्षाओं में लगभग 42 लाख छात्र शामिल हो रहे हैं. सीबीएसई, बच्चों को ध्यान में रखने वाला बोर्ड है, इसलिए यह हेल्पलाइन के जरिए सोशल और भावनात्मक मुद्दों पर छात्रों की मदद करता है. यहां प्रोफेशनल लोग छात्रों की समस्याओं का समाधान करते हैं. सीबीएसई की यह सेवा छात्रों और स्कूलों में बहुत पॉपुलर है.
अगर हम एंट्रेंस एग्जाम देना चाहते हैं, तो हमें कौन सा बोर्ड चुनना चाहिए - सीबीएसई, सीआईएससीई या एनआईओएस?
सभी बोर्ड एक जैसे हैं. सीबीएसई और सीआईएससीई फेस टू फेस पढ़ाई करवाते हैं. एनआईओएस में, पढ़ाई ओपन और डिस्टेंस एजुकेशन के ज़रिए होती है. मेरी राय में, कोई भी बोर्ड 10वीं/ 12वीं की परीक्षा देने के लिए सही है. एंट्रेंस एग्जाम बोर्ड पर निर्भर नहीं करते. अगर आप किसी एंट्रेंस एग्जाम में बैठ रहे हैं, तो आपको उसकी जरूरतों को समझना होगा और उसी हिसाब से तैयारी करनी होगी.
क्या एनसीईआरटी की किताबें सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2025 की तैयारी के लिए काफ़ी हैं? एनसीईआरटी के विषयों को बेहतर ढंग से समझने के लिए कौन सी अतिरिक्त किताबें पढ़नी चाहिए?
बोर्ड परीक्षा के लिए चुने गए सब्जेकट के करिकुलम और सिलेबस को देखना हमेशा अच्छा होता है. चूंकि एनसीईआरटी की किताबें उनके द्वारा बनाए गए सिलेबस पर लिखी गई हैं, इसलिए इन किताबों में सभी विषय शामिल हैं. ये किताबें वैज्ञानिक तरीके से लिखी गई हैं और इसलिए पूरे देश में स्कूली शिक्षा के लिए सही मानी जाती हैं. बोर्ड परीक्षा में, एनईपी-2020 की सलाह के मुताबिक, योग्यता आधारित सवाल पूछे जाते हैं, इसलिए प्रश्न कहीं से भी आ सकते हैं. सवालों को हल करने के लिए, किताबों से ज्ञान प्राप्त करना जरूरी है।
क्या मुझे सीबीएसई बोर्ड में प्रैक्टिकल और थ्योरी परीक्षा दोनों में अलग-अलग पास करनी होंगी?
10वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले छात्रों को विषय में पास होने के लिए कुल मिलाकर 33% (आंतरिक मूल्यांकन/ प्रोजेक्ट/ प्रैक्टिकल और थ्योरी) अंक लाने होंगे.
12वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले छात्रों को थ्योरी और आंतरिक मूल्यांकन/प्रोजेक्ट/प्रैक्टिकल दोनों में अलग-अलग और कुल मिलाकर 33% नंबर लाने होंगे.
क्या सीबीएसई छात्रों को अन्य राष्ट्रीय और राज्य बोर्ड के छात्रों की तुलना में नीट और जेईई की तैयारी में ज़्यादा फायदा होता है?
भारत में केंद्रीय और राज्य बोर्ड हैं. नीट और जेईई के लिए जरूरी सब्जेक्ट के लिए पूरे देश में पढ़ाई का तरीका और सिलेबस लगभग एक जैसा है. चूंकि सभी छात्र पूरे साल स्कूल में पढ़ते हैं, इसलिए सक्षम शिक्षक उन्हें जरूरी सिलेबस पढ़ाते हैं, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि किसी एक बोर्ड के छात्रों को दूसरे बोर्ड के छात्रों की तुलना में ज़्यादा फायदा मिलता है.
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सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 90% या उससे ज़्यादा नंबर कैसे लाएं?
बोर्ड परीक्षा में 90% या उससे ज़्यादा मार्क्स लाने की इच्छा क्यों रखनी चाहिए? बार-बार कहा जाता है कि 12वीं क्लास की परीक्षा जीवन का आखिरी पड़ाव नहीं है. जीवन बोर्ड परीक्षा से परे है और सिर्फ इन परीक्षाओं पर निर्भर नहीं करता. हमें यह देखना चाहिए कि एक छात्र अच्छा इंसान कैसे बन सकता है. यह गुण सफलता की ओर ले जाएगा. हालांकि, हमें जीवन में आने वाली सभी परीक्षाओं के लिए अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए, जिसमें बोर्ड परीक्षा भी शामिल है. अगर सही कोशिश की जाए, तो लक्ष्य जरूर हासिल होगा.