Medical Education in Iran: ईरान और इजरायल के बीच भीषण जंग जारी है, जिसकी वजह से पूरे देश में टेंशन बनी हुई है. साथ ही साथ भारत के भी कई लोग ईरान में हैं, जिन्हें सुरक्षित वापसी लाने का काम सरकार की ओर से किया जा रहा है. भारतीयों को रेस्क्यू करने के लिए ऑपरेशन सिंधु की शुरुआत की गई है, जिसके तहत करीब 200 भारतीय छात्रों को भारत लाया गया है, लेकिन लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहा है कि आखिर क्यों छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए ईरान जाकर पढ़ना पसंद करते हैं. चलिए इस खबर में बताते हैं पूरी जानकारी..
भारत सरकार के जानकारी के मुताबिक, ईरान में करीब 10 हजार से ज्यादा भारतीय रहते हैं, जिसमें 1500 से ज्यादा भारतीय छात्र हैं. इनमें काफी संख्या में छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. ज्यादातर ईरान में मेडिकल एजुकेशन की पढ़ाई के लिए छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं.
नीट के आधार पर एडमिशन
जानकारी के लिए बता दें, ईरान की मेडिकल यूनिवर्सिटीज में NEET के आधार पर ही एडमिशन होता है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि नीट के साथ ही आप भारत में डॉक्टर के तौर पर काम कर सकते हैं. ईरान का एडमिशन प्रोसेस काफी आसान है. इसलिए भारतीयों को आसानी से एडमिशन मिल जाता है.
क्या है वजह?
दरअसल, देश में मेडिकल कॉलेजों में एडमिशम के लिए नीट जरूरी है. वहीं, 1 लाख के करीब मेडिकल सीटों के लिए 20 लाख से ज्यादा की संख्या में छात्र दाखिले के लिए नीट परीक्षा देते हैं. ऐसे में हर किसी को एडमिशन नहीं मिल सकता है. इस वजह छात्र विदेश जाकर पढ़ाई करना पसंद करते हैं.
इसके अलावा जहां भारत के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में MBBS की पढ़ाई करने के लिए 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक खर्च होते हैं तो वहीं, ईरान में पूरे MBBS कोर्स की फीस 15 लाख से 25 लाख के आस-पास है. इतना ही नहीं यहां रहने खाने का खर्च भी काफी कम है.
ये है ईरान की यूनिवर्सिटी, जहां पढ़ते हैं भारतीय छात्र
शाहिद बेहेश्टी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज
तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज
इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज
ईरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज
हमादान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज
गोलेस्तान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज