Hardest Exam in The World: जब बात दुनिया की सबसे मुश्किल परीक्षाओं की आती है, तो चीन की 'गाओकाओ' (Gaokao) परीक्षा का नाम जरूर आता है. यह एक ऐसी परीक्षा है जो हर साल लाखों चीनी स्टूडेंट्स के भविष्य का फैसला करती है. इसे 'गाओकाओ' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह उनकी मेहनत, मानसिक शक्ति और भविष्य की दिशा तय करती है.
सवाल 1: चीन की 'गाओकाओ' परीक्षा इतनी मुश्किल क्यों है कि छात्र भी चरम उपाय अपनाने को मजबूर हैं?
जवाब: साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) के मुताबिक, चीन की गाओकाओ परीक्षा में टॉप स्कोर हासिल करने के लिए स्टूडेंट्स को हद पार करनी पड़ती है. इसमें पढ़ाई के दौरान फोकस करने के लिए "IV ड्रिप का इस्तेमाल", "टीनेज लड़कियां परीक्षा के बाद तक पीरिएड्स रोकने के लिए मेडिसन लेती हैं", और नींद की खराब क्वालिटी व कमी सहना शामिल है.
सवाल 2: 'गाओकाओ' क्या है और यह इतनी कठिन क्यों बन गई है?
जवाब: 'गाओकाओ' एक चीनी शब्द है जिसका अर्थ है "हाई टेस्ट". यह नेशनल हायर एजुकेशन एंट्रेंस टेस्ट को रेफर करता है. यह आमतौर पर हर जून में आयोजित की जाती है और कई दिनों तक चलती है, जिसमें कुल लगभग 10 घंटे का समय लगता है.
सवाल 3: गाओकाओ परीक्षा में कौन से सब्जेक्ट होते हैं?
जवाब: गाओकाओ परीक्षा में तीन मेन सब्जेक्ट- मैथ्स, चीनी भाषा और एक फॉरेन लैंगुएज - का टेस्ट किया जाता है. इसके अलावा, स्टूडेंट्स की एजुकेशन और करियर टारगेट्स के आधार पर तीन अन्य सब्जेक्ट चुने जाते हैं. दूसरे सब्जेक्ट्स में फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायोलॉजी, पॉलिटिक्स, हिस्ट्री और जियोग्राफी में से चुने जाते हैं. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, हाल के मैथ्स एग्जाम्स में कुछ सवाल हाई स्कूल के लेवल से ऊपर के माने गए हैं.
सवाल 4: चीन में यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए गाओकाओ का क्या महत्व है?
जवाब: मुख्य भूमि चीन में, गाओकाओ एकमात्र परीक्षा है जो यह निर्धारित करती है कि कोई स्टूडेंट्स यूनिवर्सिटी में एडमिशन पा सकता है या नहीं. इसका रिजल्ट ही सब कुछ तय करता है.
सवाल 5: दुनिया भर में कॉलेज प्रवेश परीक्षाओं को कितने मैन कैटेगरी में बांटा गया है? गाओकाओ किस कैटेगरी में आती है?
जवाब: दुनिया भर में कॉलेज प्रवेश परीक्षाओं को दो मैन कैटेगरी में बांटा गया है - इवैल्यूएशन एग्जाम और सेलेक्शन एग्जाम. स्कोलास्टिक असेसमेंट टेस्ट (SAT) जैसी मूल्यांकन परीक्षाएं स्टूडेंट्स की ओवरऑल एकेडमिक नॉलेज को दर्शाती हैं, जबकि चीन की गाओकाओ और दक्षिण कोरिया की "सुनुंग" जैसी चयन परीक्षाएं स्टूडेंट्स को सीधे टॉप यूनिवर्सिटीज के लिए चुनने में मदद करती हैं.
सवाल 6: गाओकाओ में कितने स्टूडेंट्स शामिल होते हैं और सक्सेस रेट क्या है?
जवाब: 2019 से 1 करोड़ से ज्यादा कैंडिडेट्स गाओकाओ परीक्षाओं में शामिल हुए हैं. 2024 में, 1.34 करोड़ उम्मीदवारों ने परीक्षा दी, जिनमें से केवल 40 प्रतिशत ही यूनिवर्सिटी में एडमिशन पाने के लिए पर्याप्त स्कोर कर पाए.
सवाल 7: चीन में कितने हायर एजुकेशन संस्थान हैं और 'प्रोजेक्ट 211' क्या है?
जवाब: चीन में 2,820 हायर एजुकेशन संस्थान हैं, और उनमें से केवल 115 को 'प्रोजेक्ट 211' में शामिल किया गया है. यह एक ऐसा प्रोग्राम है जो शिक्षा में संस्थान की एक्सीलेंसी को तय करता है. इन विश्वविद्यालयों में एडमिशन पाने से स्टूडेंट्स को फ्यूचर सिक्योर करने में मदद मिलने की उम्मीद है.
सवाल 8: 'प्रोजेक्ट 211' स्कूलों में नेशनल औसत एक्सेप्टेंस रेट क्या है?
जवाब: 'प्रोजेक्ट 211' स्कूलों में नेशनल औसत एक्सेप्टेंस रेट केवल 5 प्रतिशत है, जिसका अर्थ है कि 2024 में, टॉप 115 यूनिवर्सिटीज में से प्रत्येक ने औसतन 1.34 करोड़ आवेदकों में से केवल 5,800 स्टूडेंट्स को ही एडमिशन दिया.
सवाल 9: चीनी छात्र गाओकाओ के लिए कितनी पढ़ाई करते हैं?
जवाब: औसतन, चीनी छात्र प्रति सप्ताह 60 घंटे पढ़ाई करते हैं, और कुछ तो निजी ट्यूटर की मदद से केवल अपनी गाओकाओ परीक्षा पर फोकस करने के लिए मिडिल स्कूल जाना भी बंद कर देते हैं.
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सवाल 10: गाओकाओ का छात्रों पर साइकोलॉजिकली क्या प्रभाव पड़ता है?
जवाब: गाओकाओ का दबाव जल्दी शुरू हो जाता है, अक्सर मिडिल स्कूल में ही, और यह गंभीर तनाव, चिंता और डिप्रेशन का कारण बनता है. शेन्जेन के एजुकेशन ब्यूरो द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, शेन्जेन, चीन में आत्महत्या करने वाले आधे से ज्यादा स्टूडेट्स ने बहुत दबाव में ऐसा किया.
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