General Knowledge: हमारे देश कई सारी नदियों बहती हैं. वहीं, इन नदियों का अलग-अलग तरीकों से भारत में काफी महत्व भी है. आप इसे आर्थिक, धार्मिक या फिर सांस्कृतिक तरह से देख सकते हैं. भारत में नदियों का इतिहास भी काफी पुराना और दिलचस्प है. सदियों से नदियों का पवित्र जल ना जाने कितने लोगों को पवित्र कर रहा है. वहीं, लोग नदियों की पूजा भी करते हैं उनकी धार्मिक आस्था नदियों से जुड़ी हुई हैं.
वैसे तो कई नदियां देश में बहती हैं और सबके अपने-अपने नाम हैं, लेकिन क्या आपको पता देश में बहने वाली तमाम नदियों में से एक नदी का नाम बूढ़ी गंगा भी है. अगर आपको उस नदी का नाम नहीं तो इस खबर में हम आपको बताएंगे नदी का नाम और उसके पीछे की कहानी.
ये है जवाब
दरअसल, महाराष्ट के त्रयंबकेश्र्वर ने निकलने वाली गोदावरी नदीं को ही बूढ़ी गंगा नदीं के नाम से जाता है. साथ ही बूढ़ी गंगा को दक्षिण की गंगा के नाम से भी जाना जाता है. ये नदी महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में बहती है. महाराष्ट्र से उद्गम के बाद गोदावरी राज्यों से गुजरते हुए दूसरी नदियों के जरिए बंगाल की खाड़ी में जाती है.
दूसरी सबसे लंबी नदी
जानकारी के अनुसार, इसे देश की दूसरी सबसे लंबी नदी माना जाता है. गोदावरी की कुल लंबाई 1,465 किलोमीटर है. केवल महाराष्ट्र में ही ये नदी 765 किलोमीटर लंबी है. ये नदी देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक है. यह नदी भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र के करीब 9.5 प्रतिशत भाग पर फैली हुई है.
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