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गोलगप्पे बेचने वाले युवक का ISRO में हुआ सेलेक्शन! मेहनत और पढ़ाई के दम पर कर दिया कमाल

Success Story: वैसे तो आपने कई सारी सक्सेस स्टोरी सुनी और पढ़ी होगी, लेकिन ये थोड़ी अलग है. क्या आप कभी सोच सकते हैं कि एक गोलगप्पा बेचने वाला शख्स पढ़ाई करके इसरो में नौकरी कर सकता है. आमतौर कोई भी नहीं सोचेगा, लेकिन ये सच है. पढ़ें पूरी खबर... 

गोलगप्पे बेचने वाले युवक का ISRO में हुआ सेलेक्शन! मेहनत और पढ़ाई के दम पर कर दिया कमाल
Muskan Chaurasia|Updated: May 22, 2025, 11:01 PM IST
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Golgappa Sellar Success Story: कहते हैं अगर कुछ करने की इच्छा हो तो मुसीबतें आपके रास्ते को रोक नहीं सकती है. हालांकि, आपको अपनी मेहनत लगातार करनी है. ऐसा ही एक कहानी आज हम आपको इस खबर में बताने जा रहे हैं जिसमें एक गोलगप्पे बेचने वाले ने पढ़ाई करके इसरो () में अपनी नौकरी पक्की कर ली है.

जी हां, गोलगप्पा..जिसका नाम सुनते ही किसी का मन खाने का हो जाए. अधिकतर देश के हर जगहों पर ये आपको खाने को मिल जाएगा, लेकिन आपने कभी ये नहीं सोचा होगा कि कोई गोलगप्पा बेचने वाला सीधे गगन तक का सफर तय कर लेगा.  दरअसल, हम बात कर रहे हैं महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के नंदन नगर के रहने वाले रामदास हेमराज मारबदे की, जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर आज इंडियन स्पेस रिचर्स आर्गेनाईजेशन में नौकरी हासिल की है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रामदास हेमराज मारबदे इसरो के टेक्नीशियन डिपार्टमेंट में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. रामदास ने बताया कि उनके पिता डोंगरगांव जिला परिषद स्कूल में चपरासी थे जो अभी रिटायर हुए हैं. उनकी मां गृहणी हैं. रामदास ने अपनी स्कूल की पढ़ाई वहीं से पूरी की. इसके बाद उन्होंने नासिक के वाईसीएस कॉलेज से बीए (प्राइवेट) कंप्लीट किया. हालांकि, घर का आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने गोलगप्पा बेचना शुरू किया. दिन में वह गोलगप्पा बेचते थे. साथ ही रात में पढ़ाई करते थे. 

बता दें, साल 2023 में इसरो ने अप्रेंटिस ट्रेनी पदों के लिए भर्ती निकाली थी. ऐसे में रामदास हेमराज मारबदे इस वैकेंसी के लिए अप्लाई किया था. साल 2024 में नागपुर में इसके लिए उन्होंने परीक्षा दी. इसके बाद अगस्त 2024 में वह स्किल टेस्ट की परीक्षा देने के लिए श्रीहरिकोटा स्थित इसरो के केंद्र पहुंचे और परीक्षा पास की. 

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इसके बाद रामदास हेमराज मारबदे का सेलेक्शन हुआ और 19 मई 2025 वह ज्वाइनिंग लेटर श्री हरिकोटा के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन स्पेस सेंटर पहुंचे और पंप-ऑपरेटर-कम-मैकेनिक का पदभार संभाल रहे हैं. रामदास की ये सफलता की कहानी हम सभी को ये सीखाती है कि जीवन में लाख परेशानियां क्यों ना हो या आप कितना भी छोटा काम क्यों ना कर रहे हों..अगर कड़ी मेहनत की जाए तो सफलता जरूर मिलती है. 

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