National Doctor's Day 2025: हर साल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में डॉक्टरों के समर्पण और योगदान को सम्मानित करने के लिए देश में 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. ये खास दिन देश के प्रसिद्ध चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बिदान चंद्र रॉय के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है. ऐसे में आज के इस खबर में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप सर्जन, पेडियाट्रिशियन यानी बच्चों के डॉक्टर या फिर महिलाओं के डॉक्टर गायनेकोलॉजिस्ट बन सकते हैं? इसके लिए कौन सी पढ़ाई करनी होगी.
डॉक्टर के अलग-अलग फील्ड के लिए अलग-अलग पढ़ाई करनी होती है. देश में MBBS, BDS, BUMS, BHMS या BAMS आदि कि डिग्री के लिए आपको नीट यूजी की परीक्षा पास करना जरूरी है. ये सभी मेडिकल यूजी डिग्री के लिए अनिवार्य है. यानी की 12वीं के बाद अगर आपको डॉक्टर बनना है तो इस परीक्षा को पास करना होगा.
सर्जन कैसे बनें?
फिजिशियन का नाम आप सभी ने सुना होगा, ये जनरल डॉक्टर ही होते हैं. ये अलग-अलग बीमारियों का इलाज करते हैं. फिजिशियन भी कई तरह के होते हैं जैसे- न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी आदि. वहीं, सर्जन की बात करें तो ये ऑपरेशन करके बीमारियों का इलाज करते हैं. सर्जन भी कई तरह के होते हैं जैसे- हड्डियों के लिए ऑर्थोपेडिक, कार्डियक, हार्ट सर्जन आदि. ऐसे में अगर आप सर्जन बनने की सोच रहे हैं तो आपके पास एमबीबीएस की डिग्री होनी चाहिए. साथ ही एमएस यानी की मास्टर ऑफ सर्जरी की डिग्री भी होनी चाहिए. कैंडिडेट शरीर के जिस भी अंग के लिए सर्जन बनना चाहते हैं उन्हें उससे संबंधित पढ़ाई करनी होगी.
गायनेकोलॉजिस्ट बनने के लिए क्या करना होगा?
महिलाओं के डॉक्टर को गायनेकोलॉजिस्ट कहा जाता है. ये महिलाओं की अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करते हैं, जैसे- गर्भाशय की समस्याएं, शरीर के अंदर ताकत की कमी, बांझपन आदि. इसके लिए भी आपको एमबीबीएस की डिग्री हासिल करनी होगी. साथ ही ऑब्स्टेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी में विशेषज्ञता के लिए मास्टर ऑफ सर्जरी करनी होगी.
पेडियाट्रिशियन कैसे बनें?
वहीं, अगर आप बच्चों के डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं तो इसके लिए भी आपको एमबीबीएस डिग्री के बाद एमडी यानी डॉक्टर ऑफ मेडिसिन की पढ़ाई करनी होगी. बच्चों के डॉक्टर को ही पेडियाट्रिशियन कहते हैं. ये बच्चों की अलग-अलग बीमारियों का इलाज करते हैं.