IAS Armstrong Pame Success Story: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) देश समेत दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर साल आयोजित होने वाली इस परीक्षा में लाखों कैंडिडेट्स प्रयास करते हैं. जिनमें से कुछ ही सफलता हासिल कर पाते हैं. कई उम्मीदवार सालों साल प्रयास करने के बाद भी सफल नहीं हो पाते हैं, तो कुछ पहले ही अटेंप्ट में यूपीएससी क्रैक कर लेते हैं. ऐसे में चलिए आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अफसर के बारे में बताते हैं, जिन्हें लोग मिरेकल मैन (Miracle Man) कहते हैं.
IAS आर्मस्ट्रांग पाम
हम बात कर रहे हैं आर्मस्ट्रांग पाम (Armstrong Pame), जो मूल रूप से मणिपुर के तामेंगलोंग जिले के तौसेम उपखंड में स्थित एक छोटे से गांव इम्पा के रहने वाले हैं. आर्मस्ट्रांग पाम जेलियानग्रोंग समुदाय के जेमे भाषी समूह से आते हैं. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई मणिपुर से ही पूरी की है. जिसके बाद उन्होंने शिलांग के सेंट एडमंड्स कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की. 12वीं के बाद उन्होंने साल 2005 में दिल्ली के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफंस कॉलेज से फीजिक्स में ग्रेजुएशन किया.
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दो बार क्रैक किया UPSC
आर्मस्ट्रांग ने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद दिल्ली में रहकर यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू की. साल 2007 में उन्होंने यूपीएससी का पहला अटेंप्ट दिया और पहले ही प्रयास में उन्हें सफलता मिली. वो भारतीय राजस्व सेवा (IRS) पद के लिए चुने गए. हालांकि, उनका सपना आईएएस बनने था, इसलिए उन्होंने एक और अटेंप्ट देने का फैसला लिया. साल 2008 में उन्होंने यूपीएससी का दूसरा दूसरा अटेंप्ट दिया और दूसरे प्रयास में भी उन्हें कामयाबी मिली. दूसरे अटेंप्ट में उनका सपना पूरा हुआ और वो भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के पद के लिए महज 24 साल की उम्र में चुने गए.
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इसलिए कहलाते Miracle Man
आर्मस्ट्रांग पाम मणिपुर की जेमे जनजाति से आने वाले पहले IAS अधिकारी है, जिन्होंने लगातार दो बार यूपीएससी क्रैक किया है. आर्मस्ट्रांग को Miracle Man इसलिए कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने मणिपुर में बिना किसी सरकारी मदद के 100 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण करवाया था, जिसे 'पीपुल्स रोड' के नाम से जाना जाता है. यह सड़क मणिपुर को नागालैंड और असम से जोड़ती है. IAS आर्मस्ट्रांग पाम ने इस सड़क का निर्माण तब करवाया, जब वो मणिपुर के तमेंगलोंग जिले में उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात थे.
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जानकारी के लिए बता दें, जेमे जनजाति, नागा समुदाय का एक प्रमुख हिस्सा है, जो मुख्य रूप से मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश में पाई जाती है. यह जनजाति नागालैंड में भी पाई जाती है और इसे जेमे नागा के नाम से भी जाना जाता है.
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