IAS Kumar Anurag Strategy: आज हम एक ऐसे IAS अधिकारी की कहानी जानेंगे, जिन्होंने जिंदगी में कई बार नाकामयाबी देखी, पर कभी हार नहीं मानी. हम बात कर रहे हैं बिहार के कुमार अनुराग की, जो आज गयाजी जिले में नगर निगम के कमिश्नर हैं. उनकी कहानी हमें सिखाती है कि अगर हौसला बुलंद हो, तो हर मुश्किल पार की जा सकती है.
अनुराग मूल रूप से बिहार के कटिहार जिले के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई हिंदी मीडियम में हुई थी, वे 8वीं क्लास तक हिंदी मीडियम में पढ़े. जब उन्होंने इंग्लिश मीडियम में स्विच किया, तो उन्हें भाषा को लेकर काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन फिर भी उन्होंने पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन किया.
10वीं में कितने नंबर आए थे?
10वीं क्लास में उन्होंने 90% नंबर हासिल किए, जो एक शानदार उपलब्धि थी. लेकिन 12वीं (इंटरमीडिएट) के प्री-बोर्ड एग्जाम में वे गणित में फेल हो गए. इस असफलता पर उन्हें अपने परिवार से भी काफी डांट पड़ी. इस घटना के बाद, उन्होंने गणित पर विशेष ध्यान दिया और कड़ी मेहनत की, जिसका नतीजा यह हुआ कि उन्होंने बोर्ड परीक्षा में 94 नंबर लाए. वे 12वीं में फर्स्ट डिवीजन से पास तो हो गए, लेकिन बाकी सब्जेक्ट में नंबर कम होने के कारण एक IITian बनने का उनका सपना पूरा नहीं हो सका.
कौन से कॉलेज से की थी ग्रेजुएशन?
इसके बाद, उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) में एडमिशन लिया. हालांकि, ग्रेजुएशन के दूसरे साल में वे फिर से फेल हो गए. यह घटना उनके लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हुई, और इसके बाद ही उन्होंने अपनी पढ़ाई को गंभीरता से लेना शुरू किया. ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद, उन्होंने पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ-साथ UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी.
कब दिया था यूपीएससी का पहला अटेंप्ट और कितनी थी रैंक?
साल 2017 में, कुमार अनुराग ने पहले ही अटेंप्ट में UPSC परीक्षा पास कर ली और 677वीं रैंक हासिल की. यह एक बड़ी उपलब्धि थी, लेकिन उनका असली सपना, एक IAS अधिकारी बनने का, अभी अधूरा था. अपने IAS बनने के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने फिर से UPSC परीक्षा दी. उनकी मेहनत और लगन रंग लाई, और साल 2018 में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 48 हासिल की, जिसके साथ वे IAS अधिकारी बन गए. उन्होंने इकोनॉमिक्स को अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में चुना था और उस पर अपनी पकड़ मजबूत की. IAS बनने से पहले, मार्च से अगस्त 2019 तक उन्होंने इंडियन इकोनॉमिक्स सर्विस (IES) में असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर भी काम किया.
कैंडिडेट्स के लिए क्या है सलाह?
कुमार अनुराग दूसरे UPSC उम्मीदवारों को इंस्पायर करते हुए कहते हैं, "अपनी पिछले एजुकेशन बैकग्राउंड को भूल जाओ और बिल्कुल नए सिरे से शुरुआत करो. आप शून्य से शुरुआत करके भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं. इस परीक्षा में बिल्कुल भी जल्दबाजी न दिखाएं. हर सब्जेक्ट को बहुत गहराई से पढ़ना चाहिए. कड़ी मेहनत और बेहतर स्ट्रेटजी के साथ पढ़ाई करना ही सफलता की 'की' है."
कुमार अनुराग की कहानी यह साबित करती है कि आपकी पिछली असफलताओं से ज्यादा जरूरी आपका दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत होती है. यह कहानी हमें सिखाती है कि किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए लगन और सकारात्मक सोच सबसे अहम है.