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पापा तहसीलदार बेटी ने एक हाथ से लिखा IAS का इतिहास! KG की किताबों का ऐसे किया इस्तेमाल

IAS Parvathy Gopakumar: परवथी ने कहा, "उन्होंने मुझे यूपीएससी परीक्षाओं के लिए लगातार प्रेरित किया और जिले में सब-कलेक्टर के रूप में अलाप्पुझा में उनके काम हमेशा प्रेरणादायक रहे हैं."

पापा तहसीलदार बेटी ने एक हाथ से लिखा IAS का इतिहास! KG की किताबों का ऐसे किया इस्तेमाल
chetan sharma|Updated: May 23, 2025, 06:11 AM IST
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UPSC Civil Services Exam: हर उपलब्धि के पीछे संघर्षों की एक लंबी कहानी होती है, जो सफलता को और भी खूबसूरत बनाती है. परवथी गोपाकुमार, एक ऐसी युवा महिला हैं, जिन्होंने किस्मत के सबसे बुरे झटके का सामना भी डटकर किया. महज 12 साल की उम्र में एक दुखद दुर्घटना में उनका सीधा हाथ चला गया था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. केरल के प्रशासनिक सफर में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, अलाप्पुझा जिले के अंबलप्पुझा की रहने वाली परवथी गोपाकुमार ने प्रतिष्ठित यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की है, जिसमें उन्होंने 2023 में AIR 282 हासिल की. 19 मई, 2025 को, उन्होंने आधिकारिक तौर पर एर्नाकुलम की असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में कार्यभार संभाला, यह साबित करते हुए कि सच्ची ताकत मुश्किलों से ऊपर उठने में है.

बाएं हाथ से किए साइन, नई पारी की शुरुआत

जब परवथी गोपाकुमार एर्नाकुलम कलेक्ट्रेट में ड्यूटी पर पहुंचीं, तो उन्होंने आधिकारिक डॉक्यूमेंट्स पर अपने बाएं हाथ से साइन करके इस पल को यादगार बनाया. जैसे ही उन्होंने अपने करियर के इस नए पड़ाव में कदम रखा, जिला कलेक्टर और सीनियर अधिकारियों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया और उनकी सराहना की.

लंबे समय से संजोए अपने सपने को साकार करने के बाद कैसा महसूस हुआ, इस बारे में परवथी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "बहुत खुश हूं."

परिवार और गुरुओं का मिला साथ

परवथी अपनी सफलता का क्रेडिट अपने परिवार और गुरुओं के सहयोग को देती हैं. उनके पिता, गोपाकुमार, जो एक डिप्टी तहसीलदार हैं, और उनकी मां, श्रीकला, जो एक हाई स्कूल टीचर हैं, ने उन्हें अटूट प्रोत्साहन दिया. वह पूर्व अलाप्पुझा सब-कलेक्टर वी आर कृष्णा तेजा के प्रभाव को भी स्वीकार करती हैं, जिनसे वह पांच साल पहले एक प्रोग्राम के दौरान मिली थीं. उनके मार्गदर्शन और प्रेरणा ने उनकी जर्नी में अहम भूमिका निभाई.

परवथी ने कहा, "उन्होंने मुझे यूपीएससी परीक्षाओं के लिए लगातार प्रेरित किया और जिले में सब-कलेक्टर के रूप में अलाप्पुझा में उनके काम हमेशा प्रेरणादायक रहे हैं."

दुर्घटना के बाद भी नहीं टूटी हिम्मत

परवथी के जीवन में 12 साल की उम्र में एक सड़क दुर्घटना के कारण मोड़ आया, जब उनके सीधे हाथ को कोहनी के नीचे से काटना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और खुद को बाएं हाथ से लिखना सिखाया, जिसके लिए उन्होंने किंडरगार्टन के छात्रों के लिए डिजाइन की गई कर्सिव राइटिंग की किताबों का इस्तेमाल किया. चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने 10वीं क्लास के बाद ह्यूमैनिटीज को चुना और बेंगलुरु में कानून की पढ़ाई की.

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सिविल सेवाओं में शामिल होने की उनकी आकांक्षा अटूट रही. 2023 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अपने दूसरे अटेंप्ट में, उन्होंने 282वीं रैंक हासिल की, जो उनकी दृढ़ता का प्रमाण है.

परवथी की उपलब्धि न केवल एक व्यक्तिगत जीत है, बल्कि समाज के लिए दिव्यांगों की क्षमताओं के बारे में एक मजबूत मैसेज भी है. उनकी जर्नी फ्लैक्सिबिलिटी, सपोर्ट और अपने टारगेट के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के महत्व को दिखाती है.

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