IAS Preeti Hooda Success Story: कहते हैं अगर कुछ करने की चाहत हो तो मंजिल जरूर मिल जाती है. इस बात को सच साबित करते हैं वो लोग जो दिन-रात एक करके अपने सपने को पूरा करने में लगे रहते हैं. ऐसा हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि आज के खबर में हम आपके लिए लेकर आए हैं यूपीएससी परीक्षा में सफल हुई कैंडिडेट की सफलता की कहानी, जिन्होंने परिवार की आर्थिक तंगी के बीच खुद को हारने नहीं दिया और एग्जाम पास करके आज आईएएस बनीं हैं.
घर के हालात ठीक नहीं
हम बात कर रहे हैं आईएएस प्रीति हुड्डा की, जिन्होंने घर के आर्थिक हालात से परेशान न होकर अपनी खास राह बनाई, जो आज हर युवा के लिए एक प्रेरणा बन गई हैं. प्रीति हुड्डा बचपन से ही पढ़ाई में काफी ज्यादा तेज रही हैं, लेकिन घर के हालात ठीक नहीं होने के कारण उन्हें कई बार पढ़ाई छोड़ने की सलाह दी गई. यहां तक की ये भी कहा गया कि शादी कर लो.
लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत को टूटने नहीं दिया और अपने सपने के लिए खुद से रास्ता बनाया. इतना ही नहीं आईएएस बनकर अपने परिवार को नई रोशनी दे रही हैं. स्कूल की पढ़ाई के बाद जब वह कॉलेज में गईं तब ही उन्होंने सोच लिया था कि आगे चलकर उन्हें कुछ बड़ा बनना है, जिससे वह अपने घर के हालात को सुधार सकें.
288वीं रैंक के साथ पास की परीक्षा
हरियाणा की रहने वाली प्रीति हुड्डा के पिता डीटीसी बस में ड्राइवर थे. 10वीं बोर्ड परीक्षा में प्रीति ने 77 प्रतिशत और 12वीं 87 प्रतिशत नंबर हासिल किए थे. प्रीति हुड्डा ने दिल्ली के लक्ष्मीबाई कॉलेज से हिंदी में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से हिंदी में पीएचडी की पढ़ाई पूरी की. वहीं, से वह यूपीएससी परीक्षा क तैयारी की लग गई. हालांकि, पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरी बार प्रयास किया और 288वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की.