IAS Priyanka Niranjan Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) हर साल आयोजित होने वाली देश ही नहीं, दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. जिसमें सफलता हासिल करने के लिए लाखों कैंडिडेट प्रयास करते हैं, लेकिन कुछ ही सफल हो पाते हैं. कई उम्मीदवार तो सालों साल प्रयास करने के बाद भी यूपीएससी क्रैक नहीं कर पाते हैं. ऐसे में चलिए हम आपको एक ऐसी यूपीएससी उम्मीदवार के बारे में बताते हैं, जिन्होंने कई बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और तब तक परिश्रम करती रही, जब तक उन्होंने अपने सपने को हासिल नहीं कर लिया.
IAS प्रियंका निरंजन
हम बात कर रहे हैं आईएएस प्रियंका निरंजन की, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के झांसी की रहने वाली हैं और साल 2013 बैच की आईएएस अधिकारी हैं. प्रियंका का जन्म 1 अक्टूबर, 1984 को हुआ था. उनके पिता ठेकेदार और मां हाउसवाइफ हैं. प्रियंका बचपन से ही पढ़ने-लिखने में काफी होशियार थी. उन्होंने शुरुआती पढ़ाई-लिखाई यूपी से ही पूरी की. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने इलाहाबाद का रुख किया और वहां से ग्रेजुएशन की. ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद प्रियंका ने वहीं से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया.
NTA ने जारी की SWAYAM जुलाई परीक्षा की तारीख, दिसंबर के इन डेट्स को कर लें सेव
चौथे अटेंप्ट में बनीं IAS
मास्टर्स की डिग्री प्राप्त करने के बाद प्रियंका ने 2008 में यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी. हालांकि, एक के बाद एक उन्होंने यूपीएससी का चार अटेंप्ट दिया, लेकिन क्रैक नहीं कर पाई. प्रियंका का आईएएस बनने का सपना लगातार चार बार टूटा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पांचवा अटेंप्ट दिया. उनके परिश्रम, संयम और आत्मविश्वास का परिणाम रहा कि उन्होंने अपने पांचवें अटेंप्ट में यूपीएससी क्रैक किया और UPSC CSE 2012 में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 20वीं हासिल कर अपने सपने को हकीकत में बदला. 1 साल की ट्रेनिंग के बाद उन्हें साल 2013 में उत्तर प्रदेश कैडर का आईएएस नियुक्त किया गया.
जानकारी के लिए बता दें, आईएएस बनने से पहले प्रियंका निरंजन 2008 और 2010 में बीडीओ और ट्रेजरी ऑफिसर भी रह चुकी हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के 23 आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर हुआ है, जिनमें से एक प्रियंका निरंजन भी हैं, जो मिर्जापुर की जिलाधिकारी थी और अब उन्हें गोंडा का डीएम बनाया गया हैं. आईएएस प्रियंका अपने काम को लेकर अक्सर सुर्खियों में बनी रहती है.