Woman IAS Officer: यूपीएससी परीक्षा भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है, जिसके बाद उम्मीदवार ब्यूरोक्रेसी का हिस्सा बनते हैं और देश की प्रशासनिक जिम्मेदारी संभालते हैं. इन परीक्षाओं ने भारत में कई लोगों की सफलता की कहानियों का इतिहास लिखा है, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और लगन से सफलता का रास्ता दिखाया है. ऐसी ही एक शख्सियत हैं आईएएस अधिकारी राधिका गुप्ता, जो अपनी कई मुश्किलों का सामना करने और अपने लक्ष्य को पूरा करने पर कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई हैं.
राधिका गुप्ता कौन हैं?
राधिका गुप्ता मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने एसजीएसआईटीएस इंदौर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और डिग्री पूरी करने के बाद दिल्ली में एक कॉर्पोरेट फर्म में काम किया. वहां काम करते हुए, उन्होंने महसूस किया कि उनका सपना एक आईएएस अधिकारी बनना है. उसी समय, उन्हें राजेंद्र नगर के बारे में पता चला, जो राष्ट्रीय राजधानी में कोचिंग संस्थानों के केंद्रों में से एक है. सिलेबस को देखकर, उन्होंने इसे अच्छी तरह से समझा और तैयारी के लिए इंदौर वापस आ गईं.
राधिका गुप्ता ने कैसे तैयारी की?
आईएएस अधिकारी ने कहा कि कोटा में जेईई कोचिंग लेकर उन्होंने कोचिंग सिस्टम को समझा, "इसलिए मैंने राजेंद्र नगर के कोचिंग कल्चर से दूर रहने का फैसला किया." राधिका ने आगे कहा, "मैंने रोजाना 9-10 घंटे पढ़ाई की, एक सख्त टाइम टेबल का पालन किया, और सोशल मीडिया से दूर रही. हालांकि, मैंने यह सुनिश्चित किया कि मैं टेबल टेनिस खेलूं, क्योंकि यह मेरा जुनून है. मैंने दो बार परीक्षा देने का मन बना लिया था - अगर मैं पास हो जाती, तो बहुत अच्छा; अगर नहीं, तो मैं अपनी कॉर्पोरेट नौकरी में वापस चली जाती. इसलिए मैंने किसी अन्य सरकारी नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं भरा."
सक्सेस
राधिका ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित 'मंत्र ऑफ सक्सेस' प्रोग्राम में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि अपने पहले प्रयास के बाद उन्हें भारतीय रेलवे दिया गया क्योंकि उनकी रैंक कम थी. उनका सपना अभी भी अधूरा था, इसलिए उन्होंने दूसरा प्रयास किया. उनका दूसरा अटेंप्ट भारतीय रेलवे में सेवा करते हुए आया. उन्होंने कड़ी मेहनत की और परिणामस्वरूप 2020 में यूपीएससी में सफल हुईं.
मार्वल सुपरहीरो सिखाते हैं 8 टाइम मैनेजमेंट स्किल, स्टूडेंट्स के लिए हैं वरदान!
राधिका ने कहा, "जिस जिले से मैं आती हूं, उसकी साक्षरता दर सबसे कम है, लेकिन इसने मेरे व्यक्तित्व को आकार देने में अहम भूमिका निभाई. यह मेरे लिए प्रेरणा का सबसे बड़ा सोर्स बन गया. वहां रहने से मुझे किसी के जीवन में शिक्षा के अपार मूल्य का एहसास हुआ. मैंने जीवन के कई जरूरी सबक सीखे. इस परीक्षा ने मुझे धैर्य और दृढ़ता सिखाई." राधिका गुप्ता ने यूपीएससी परीक्षा के लिए ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में एंथ्रोपोलॉजी (मानव विज्ञान) लिया. उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल की.