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IAS Success Story: 3 अटेंप्ट, 2 इंटरव्यू फिर 1 सर्विस, UPSC पीडीएफ में अपना नाम देखना एक सपने जैसा लगता है

IAS Riya Saini Success story: रिया कहती हैं कि सफलता पाने के लिए सब्जेक्ट में उलझने के बजाय एक दिशा में लगातार मेहनत करनी चाहिए.

IAS Success Story: 3 अटेंप्ट, 2 इंटरव्यू फिर 1 सर्विस, UPSC पीडीएफ में अपना नाम देखना एक सपने जैसा लगता है
chetan sharma|Updated: Jul 30, 2025, 10:50 AM IST
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IAS Riya Saini Rank: UPSC जैसी कठिन परीक्षा में सफलता पाना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इसे सच कर दिखाया मुजफ्फरनगर की रिया सैनी ने. तीसरे अटेंप्ट में IAS बनकर उन्होंने अपने परिवार, गांव और जिले का नाम रोशन किया. उनकी कहानी मेहनत, लगन और प्रेरणा की मिसाल है.

पहली बार UPSC क्रैक करके मिला था कौन सा पद?

यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के चारथवल के टांडा गांव की रहने वाली रिया सैनी ने पूरे जिले को गर्व का मौका दिया है. UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 22वीं रैंक हासिल कर रिया ने न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि अपने पूरे गांव को भी गर्व महसूस कराया. यह सफलता रिया को तीसरे प्रयास में मिली है. इससे पहले, साल 2023 में, रिया का चयन इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (IRTS) में हुआ था, लेकिन उनका सपना था IAS बनने का – और इस साल उन्होंने ये सपना पूरा कर दिखाया.

यूपीएससी क्रैक करने के बाद लिखी पोस्ट

यूपीएससी क्रैक करने के बाद रिया ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया था कि 3 अटेंप्ट, 2 इंटरव्यू और 1 सर्विस के बाद, जब UPSC की उस PDF में अपना नाम 22वें नंबर पर देखा, तो ऐसा लगा जैसे कोई सपना है, जिससे मैं कभी जागना नहीं चाहती. मैं UPSC की हमेशा आभारी रहूंगी, जिसने मुझे जीवन भर साथ चलने वाले कई अनमोल सबक सिखाए. अपने परिवार की भी शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने हर मुश्किल वक्त में चट्टान की तरह मेरा साथ दिया. अब लाखों मील की इस नई यात्रा की पहली सीढ़ी चढ़ चुकी हूं.

UPSC के लिए रिया सैनी का ऑप्शनल सब्जेक्ट क्या था?

रिया का परिवार पढ़ाई को लेकर हमेशा गंभीर रहा है. उनके पिता मुकेश कुमार, दिल्ली में मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) में चीफ इंजीनियर हैं. मां प्रीति सैनी एक हाउसवाइफ हैं और छोटा भाई अनमोल नेशनल लेवल का लॉन टेनिस खिलाड़ी है. दिलचस्प बात यह है कि रिया के पिता मुकेश कुमार भी साल 1983 में इंटरमीडिएट में जिले के टॉपर रह चुके हैं. यह बात साबित करती है कि रिया की सफलता में उनका पारिवारिक एजुकेशनल माहौल भी अहम भूमिका निभाता है. रिया ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद UPSC की तैयारी शुरू की और सोशियोलॉजी को ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना.

रिया ने क्या बताया था सफलता का राज?

रिया का मानना है कि सफलता का राज है – फोकस, अनुशासन और समय का सही उपयोग. उन्होंने बताया कि तैयारी के दौरान वे रोजाना 7-8 घंटे पूरे मन से पढ़ाई करती थीं. वे कहती हैं कि सफलता पाने के लिए सब्जेक्ट में उलझने के बजाय एक दिशा में लगातार मेहनत करनी चाहिए.

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उनकी मां ने भावुक होते हुए कहा, "बेटी ने जो सपना देखा था, उसे पूरा कर दिखाया." रिया की कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो बड़े सपने देखते हैं और उन्हें मेहनत, लगन और परिवार के सहयोग से साकार करना चाहते हैं.

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