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डिलीवरी के 17 दिन बाद दी UPSC मेन्स परीक्षा; हासिल की 45वीं रैंक, सफलता की कहानी पढ़ मां के हौसले को करेंगे सलाम

IAS Success Story: पढ़ें केरल की मालविका जी नायर की सफलता की कहानी जिन्होंने डिलीवरी के 17 दिन बाद UPSC मेन्स परीक्षा दी और ऑल इंडिया 45वीं रैंक हासिल कर जीत का परचम लहरा दिया. 

डिलीवरी के 17 दिन बाद दी UPSC मेन्स परीक्षा; हासिल की 45वीं रैंक, सफलता की कहानी पढ़ मां के हौसले को करेंगे सलाम
Muskan Chaurasia|Updated: Jun 26, 2025, 03:18 PM IST
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IAS Success Story of Malvika G Nair: मां सिर्फ शब्द ही नहीं बल्कि हर शख्स के लिए वो पूरी दुनिया होती है. मां की जगह दुनिया में कोई भी कभी भी नहीं ले सकता है. इसलिए मां को भगवान का दर्जा भी दिया जाता है. ऐसा हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि आज के इस खबर में हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसी ही महिला का जिन्होंने प्रेगनेंट होते हुई यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा की तैयारी की और डिलीवरी के 17 दिन बाद ही मेन्स की परीक्षा दी. 

UPSC में हासिल की 45वीं रैंक
हम बात कर रहे हैं केरल की मालविका जी नायर की जिन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 45वीं रैंक हासिल कर मिसाल कायम की है. उन्होंने इस सफलता को तब हासिल किया जब वह एक नवजात शिशु की मां थीं. दरअसल, उन्होंने बेटे के जन्म के कुछ ही दिनों बाद यूपीएससी मेन्स परीक्षा दी. 

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डिलीवरी के 17 दिन बाद दी परीक्षा
वह जब गर्भवती थी, तब उन्होंने प्रीलिम्स की परीक्षा दी थी. वहीं, प्रेग्नेंसी के साथ मेन्स परीक्षा की तैयारी करना किसी युद्ध से कम नहीं था क्योंकि प्रेग्नेंसी के साथ-साथ तैयारी करना एक चुनौतीपूर्ण काम जो शायद सिर्फ मां ही कर सकती है. हालांकि, इस दौरान उनके परिवार ने उनका पूरा साथ दिया. हर पल वह उनके साथ खड़े थे. वहीं, डिलीवरी के 17 दिन बाद ही उन्होंने मेन्स की परीक्षा दी और कामयाबी हासिल कर आज सबके लिए प्ररेणा बन गईं. 

एग्जाम सेंटर पर भी बच्चे को किया फीड
बता देंस मालविका के पिता के.जी. अजित कुमार केरल फाइनेंशियल कॉरपोरेशन से रिटायर्ड AGM हैं. मां डॉ. गीतालक्ष्मी एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. वहीं, परीक्षा के दौरान मालिका के बेटे आदिसेश को एग्जाम सेंटर लेकर जाया गया ताकि मालविका उसे फीड यानी दूध पिला सकें. इतना ही नहीं इंटरव्यू के दिन भी बेटे को दिल्ली ले जाया गया. 

पहले भी पास कर चुकी हैं यूपीएससी परीक्षा
जानकारी के लिए बता दें, इस बड़ी सफलता के पीछे कई सालों की मेहनत है. मालविका को ये सफलता पहली बार में नहीं मिली है. मालविका ने UPSC में 2019 में भी परचम लहराया था. उन्होंने 118वीं रैंक और 2022 में 172वीं रैंक हासिल की थी, लेकिन वह नंबर से खुथ नहीं थी, इसलिए उन्होंने फिर से प्रयास किया और सफलता हासिल कर अब अपने सपने को पूरा कर रही हैं.  

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