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IIT कानपुर से ग्रेजुएशन, विदेश में Ph.D, फिर हाई पैकेज जॉब छोड़ बन गए साधू! जानें कौन है ये शख्स

Indian mathematician Mahan MJ: मिलिए एक ऐसे व्यक्ति से, जिन्होंने आईआईटी से स्नातक किया है और विदेश से Ph.D. फिर 30 साल की उम्र में ऊंची हाई पैकेज वाली नौकरी और बन गए साधु. 

IIT कानपुर से ग्रेजुएशन, विदेश में Ph.D, फिर हाई पैकेज जॉब छोड़ बन गए साधू! जानें कौन है ये शख्स
Muskan Chaurasia|Updated: Jun 19, 2025, 04:01 PM IST
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Who is Indian Mathematician Mahan MJ? हर साल लाखों की संख्या में छात्र 12वीं परीक्षा के बाद इंजीनियरिंग के जेईई का फॉर्म भरते हैं. इस परीक्षा जहां कुछ स्कूल से ही इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं तो वहीं कुछ 10वीं या 12वीं के बाद इस परीक्षा के लिए तैयारी शुरू करते हैं. छात्रों का सपना होता है कि IIT JEE परीक्षा पास करके उन्हें देश के सबसे अच्छे आईआईटी में एडमिशन लें. हालांकि, ये परीक्षा काफी कठिन होती है, लेकिन अगर आपसे ये कहा जाए कि एक शख्स ने आईआईटी से ग्रेजुएशन कंप्लीट करने के बाद हाई पैकेज नौकरी दी और साधू बन गया तो क्या आप विश्वास करेंगे...अधिकतर लोगों का जवाब नहीं ही होगा, लेकिन ये सच हैं. पढ़ें पूरी खबर..

कौन हैं महान महाराज ?
हम बात कर रहे हैं 1968 में जन्मे महान महाराज की, जिन्हें महान एमजे () और स्वामी विद्यानाथानंद के नाम से भी जाना जाता है. वह एक लोकप्रिय भारतीय गणितज्ञ() और रामकृष्ण ऑडर के एक साधू हैं. वर्तमान में वह मुंबई में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च में मैथ्स के प्रोफेसर के रूप में काम कर रहे हैं. महान एमजे हाइपरबोलिक ज्योमेट्री , ज्योमेट्री ग्रुप थियोरी, लो डायमेंशन टोपोलॉजी और कठिन ज्योमेट्री में अपने कमाल के काम के लिए जाने जाते हैं. 

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महान महाराज की शिक्षा
जानकारी के अनुसार, महान एमजे बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थे. उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेजिएट स्कूल, कलकत्ता से 12वीं की पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद उन्होंने JEE एडवांस में AIR 67 हासिल कर IIT कानपुर के अपनी ग्रेजुएशन कंप्लीट की. हालांकि, इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के बाद उनका मन मैथ्स की ओर चला और उन्होंने गणित से स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की. इसके बाद महान महाराज ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में गणित में Ph.D की. इसके बाद 1998 में उन्होंने कुछ समय के लिए चेन्नई के मैथमेटिक्स साइंस इंस्टिट्यूट में भी काम किया. साल 2015 तक वह रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विश्वविद्यालय में मैथ्स के प्रोफेसर और रिचर्स के डीन रहे. 

मीडिया रिपोर्टे्स के अनुसार, महान एमजे को अपनी पढ़ाई कंप्लीट करने के बाद हाई पैकेज वाली जॉब मिली थी, लेकिन 1998 में उन्होंने रामकृष्ण ऑडर के साधू बनने का फैसला किया. उन्होंने साधू बनने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी. महान एमजे ने अपने साधू होने पर कहा था कि..मैं भिक्षु होने का उतना ही आनंद ले रहा हूं, जितना कि मैं अपने गणित का आनंद लेता हूं.

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