Why Stickers Are Put on Fruits: आप में अधिकतर लोगों ने ये नोटिस किया होगा कि आप जब भी बाजार में फल खरीदने जाते हैं, तो कुछ फलों पर स्टिकर लगे हुए रहते हैं, लेकिन क्या आपको पता कि ऐसा क्यों होता है. बहुत कम ही लोग होंगे जिन्हें शायद इन स्टिकर लगाने की वजह पता होगी. ऐसे में अगर आपको नहीं पता है तो चलिए इस खबर में आपको बताते हैं इसके पीछे की वजह.
हम मार्केट से फल खरीदते वक्त ये तो जरूर चेक करते हैं फल कैसे हैं, सड़े तो नहीं है. मीठे है कि नहीं आदि, लेकिन स्टिकर चिपके होने की वजह जानने की कोशिश नहीं करते हैं. दरअसल, कुछ फलों पर अक्सर कुछ नंबर लिखे स्टिकर (fruit sticker number guide) लगाए जाते हैं.
क्या है वजह ?
फलों पर स्टिकर लगाने के पीछे वजह ये है कि ये स्टिकर बताता है कि ये फल कहां ये उगाया गया है. साथ ही इसे उगाने के लिए कौन-सा तरीका अपनाया गया है. स्टिकर से ये भी पता चलता है कि फल की क्वालिटी क्या है और इसकी कीमत क्या है. ये स्टिकर पीएलयू कोड यानी प्राइज लुक-अप कोड होते हैं, जो फर की क्वालिटी को बताते हैं. इन स्टिकर पर खास नंबर भी लिखा होता है, जिसके अलग-अलग मतलब होते हैं.
स्टिकर पर लगे नंबर का क्या मतलब होता है ?
स्टिकर पर लगे नंबर का मतलब क्या होता है अब ये भी जान लीजिए. दरअसल, इन स्टिकर पर अलग-अलग नंबर लिखे होते हैं, जिनमें 4 डिजिट, 5 डिजिट आदि होते हैं. जैसे- 4 डिजिट नंबर का मतलब है कि इन फलों को उगाने के लिए कीटनाशक और केमिकल का इस्तेमाल हुआ है. खासकर जिनकी शुरुआत भी 4 अंक से हो रही हो. जैसे- 4091, 4201. ऐसे में इसे खरीदने से आपको बचना चाहिए. वहीं, पांच डिजिट वाले नंबर जिनकी शुरुआत 9 से हो रही हो, जैसे-93435 या 95365 हो, तो इसका मतलब है कि आप इन फलों को खरीद सकते हैं. ये बिना केमिकल और कीटनाशक के उगाया गया है.