UPSC Success Story: कहावतें तो हम सभी ने कई सारी सुनी है, लेकिन अगर ये कहा जाए कि कुछ कहावत सिर्फ हंसी मजाक के लिए नहीं बल्कि असल जिंदगी में भी लोगों ने सच करके दिखाया है, तो ये बात बहुत कम लोगों ने सुनी होगी. ऐसी की एक सफलता की कहानी हम आपके लिए लेकर आए हैं, जिसमें एक शख्स ने तमाम परेशानियों के बावजूद आईपीएस जैसी बड़ी सफलता हासिल की है.
जी हां, हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के निवासी धनुष कुमार की. उन्होंने अपने जीवन में कई सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं. बचपन में उनके पिता घर छोड़कर चले गए, जिसके बाद से उनकी मां अकेले उनकी परिवरिश की और पढ़ाया और आज इस काबिल बना दिया कि वह एक आईपीएस बन चुके हैं.
मां ने की अकेले परवरिश
पिता के घर छोड़ने के बाद धनुष की पूरी जिम्मेदारी मां पर आ गई. हालंकि, उन्होंने अपने बेटे के लिए दिन-रात मेहनत की, उन्हें पढ़ाया. 5वीं कक्षा तक की पढ़ाई उन्होंने कर्नाटक से ही की, लेकिन इसके बाद वह अपनी मां के साथ बेंगलुरु शिफ्ट हो गए और यही से उनके जीवन का नया शुभारंभ हुआ. अकेले होने के बावजूद धनुष की मां ने उनकी पढ़ाई-लिखाई में कोई कमी नहीं होने दी.
संन्यासी बनने का था मन
स्कूल के बाद धनुष ने बीएनएम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. हालांकि, इसके बाद उनका मन संन्यासी बनने का था. ऐसे में उन्होंने कॉलेज के बाद 6 सालों से अधिक का समय ध्यान में बिताया. इतने सालों के बाद उन्होंने फिर देश की सेवा करने का फैसला लिया. हालांकि, यूपीएससी का राह आसान नहीं थी, लेकिन उन्होंने प्रयास किया. दिन-रात पढ़ाई की, करेंट अफेयर्स के लिए रोजाना अखबार पढ़ते थे. साथ ही वह एक आईएएस एकेडमी में ट्यूटर के तौर पर भी कान करते थे.
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यूपीएससी में हासिल की 501वीं रैंक
जानकारी के अनुसार, धनुष इस परीक्षा में चार बार फेल हुए, लेकिन मां के समर्थन और खुद की मेहनत से पांचवी प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल कर ली. उन्होंने यूपीएससी 2022 परीक्षा में ऑल इंडिया 501 रैंक हासिल की. इसके बाद उन्हे भारतीय पुलिस सेवा में अफसर बनने का मौका मिला.