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इस JEE Topper ने छोड़ी विदेश में हाई पैकेज वाली जॉब! अब कर रहीं ये काम, इंस्टाग्राम पर हैं 100K फॉलोअर्स

Success Story: पढ़ें धैर्या सांध्यना की सफलता की कहानी जिन्होंने भले की विदेश की हाई पैकेज सैलरी छोड़ दी, लेकिन आज वह तमाम जेईई स्टूडेंट्स को परीक्षा के लिए तैयार कर रही हैं. 

इस JEE Topper ने छोड़ी विदेश में हाई पैकेज वाली जॉब! अब कर रहीं ये काम, इंस्टाग्राम पर हैं 100K फॉलोअर्स
Muskan Chaurasia|Updated: Apr 17, 2025, 10:40 PM IST
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JEE Topper Success Story: हर साल लाखों की संख्या में छात्र जेईई एग्जाम देते हैं. वहीं, कुछ स्टूडेंट्स इस कठिन परीक्षा को पास करके अपने सपने को पूरा करते हैं. ऐसे में आज के इस खबर में हम आपके लिए लेकर आए हैं ऐसी ही एक जेईई टॉपर की कहानी जिन्होंने कड़ी मेहनत से इस कठिन एग्जाम को क्लियर किया हालांकि, इसके बाद उन्होंने विदेश में हाई पैकेज वाली नौकरी छोड़कर समाज के लिए काम करना रास्ता चुना. पढ़ें. .. 

IIT दिल्ली से की पढ़ाई
हम बात कर रहे हैं धैर्या सांध्यना की. जिन्होंने साल 2014 में जेईई परीक्षा को पास किया था. उनकी जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया रैंक 29 (AIR-29) थी. इसके बाद उन्होंने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली (IIT Delhi) से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री कंप्लीट की.  

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

विदेश की नौकरी छोड़ी
धैर्या सांध्यना के मुताबिक, वह कक्षा 10वीं से ही जेईई की परीक्षा की तैयारियों में जुट गई थी. पढ़ाई पूरे होने के बाद धैर्या को सैमसंग कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नौकरी मिल गई. जहां उनका सैलरी पैकेज करोड़ों में था, लेकिन उन्होंने बाद में जॉब छोड़ दिया और देश में रहकर समाज के लिए कुछ करने का फैसला किया.  

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सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव
वर्तमान में धैर्या सांध्यना अनअकेडमी  टीचर हैं. उन्होंने JEE छात्रों को पढ़ाना शुरू कर दिया. वह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरह क्लॉस लेती हैं. उनके पढ़ाने का तरीका छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय है. इतना ही नहीं वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी काफी एक्टिव रहती है. वह छात्रों को यूट्यूब चैनल से भी तैयारी कराती हैं. यूट्यूब पर उनके 62.9 के से अधिक सबस्क्राइबर हैं, तो वहीं, इंस्टाग्राम पर 100के करीब फॉलोअर्स हैं. 

टीचिंग है पसंद 
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि, जो काम पसंद हो, वो काम ही हर किसी को करना चाहिए. उन्हें पढ़ाना पसंद है इसलिए टीचिंग को चुना. यानी की कुल मिलाकर उनका विदेश की नौकरी को छोड़ने का फैसला सही रहा. आज उनकी ये सफलता की कहानी तमाम छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है.

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