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Ratan Tata की कंपनी की नौकरी छोड़ी, इंग्लिश न बोल पाने पर उड़ा मजाक, फिर बनीं IAS अफसर

IAS Surabhi Gautam Success Story: सुरभि ने कई कंप्टीटिव एग्जाम्स में हिस्सा लिया और ISRO, BARC, GTE, MPPSC, SAIL, FCI, SSC और दिल्ली पुलिस सहित कई बडे संस्थानों में उनका सेलेक्शन हुआ.

Ratan Tata की कंपनी की नौकरी छोड़ी, इंग्लिश न बोल पाने पर उड़ा मजाक, फिर बनीं IAS अफसर
chetan sharma|Updated: Jul 15, 2025, 02:27 PM IST
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UPSC सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक माना जाता है, जिसमें कुछ ही उम्मीदवार IAS, IPS, IFS, IRS अधिकारी बन पाते हैं. इस परीक्षा को पास करने के लिए बेहद लगन, कड़ी मेहनत और धैर्य की जरूरत होती है. आज हम आपको एक ऐसी महिला की इंस्पिरेशनल कहानी बता रहे हैं, जिसका कभी खराब अंग्रेजी बोलने के लिए मजाक उड़ाया जाता था, लेकिन बाद में वह एक IAS अधिकारी सुरभि गौतम बनीं.

सुरभि गौतम: एक रूरल बैकग्राउंड से IAS तक का सफर

सुरभि गौतम मध्य प्रदेश के सतना जिले के अमदारा गांव की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई अपने गांव में हिंदी माध्यम से पूरी की और 10वीं और 12वीं दोनों बोर्ड परीक्षाओं में स्टेट की मेरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त किया. ग्रामीण, हिंदी भाषी बैकग्राउंड से होने के कारण, सुरभि को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा.

उनके पिता मैहर कोर्ट में वकील हैं, और उनकी मां, डॉ. सुशीला गौतम, एक हाई स्कूल टीचर हैं. अपने स्कूल के दिनों में, सुरभि ने गठिया बुखार (rheumatic fever) से लड़ाई लड़ी, जिसके लिए उन्हें हर 15 दिन में अपने माता-पिता के साथ जबलपुर तक 150 किमी की यात्रा करनी पड़ती थी.

अंग्रेजी भाषा से संघर्ष और जीत

सुरभि ने बाद में भोपाल के एक कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. शुरुआत में, उन्हें अंग्रेजी से काफी संघर्ष करना पड़ा, जिसके कारण कई लोग उनका मजाक उड़ाते थे. इस बाधा को दूर करने के लिए दृढ़ संकल्पित, सुरभि ने खुद से अंग्रेजी में बात करना शुरू किया और रोजाना कम से कम 10 नए अंग्रेजी शब्द सीखने का टारगेट बनाया. उन्होंने जहां कहीं भी हो सका, इंग्लिश फ्रेज और वोकैबलरी को सुना और लगातार प्रैक्टिस किया. उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई - उन्होंने अपने पहले सेमेस्टर में टॉप किया और उन्हें चांसलर अवार्ड से सम्मानित किया गया.

TCS से सिविल सेवा तक का सफर

इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद, सुरभि का कैंपस प्लेसमेंट के जरिए रटन टाटा की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में सेलेक्शन हो गया. लेकिन उनका बचपन का सपना सिविल सेवक बनना था. उन्होंने कई प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लिया और ISRO, BARC, GTE, MPPSC, SAIL, FCI, SSC और दिल्ली पुलिस सहित कई बडे संस्थानों में उनका चयन हुआ. 2013 में, उन्होंने ऑल इंडिया लेवल पर IFS (इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज) परीक्षा में टॉप रैंक हासिल की, लेकिन वह अभी भी संतुष्ट नहीं थीं. उनका फाइनल टारगेट एक IAS अधिकारी बनना था. आखिरकार, 2016 में, सुरभि ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा दी और ऑल इंडिया रैंक 50 हासिल कर एक IAS अधिकारी बन गईं.

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सुरभि गौतम अब कई UPSC उम्मीदवारों के लिए एक प्रेरणा हैं, यह दिखाते हुए कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है, चाहे शुरुआती चुनौतियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों. उनकी कहानी उन सभी को प्रेरित करती है जो मुश्किलों के सामने हार मानने की बजाय उनका सामना करने का हौसला रखते हैं.

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