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3 बार UPSC में मिली असफलता, तो मान ली हार! फिर परिवार के सपोर्ट से हासिल 11वीं रैंक, लेकिन नहीं बनीं IAS

IFS Success Story: पढें पूज्या प्रियदर्शनी की सफलता की कहानी जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 3 बार असफल होने के बावजूद भी हार नहीं मानी और परिवार के साथ चौथे प्रयास में 11वीं रैंक इस कठिन परीक्षा को पास किया. हालांकि, वो IAS नहीं बनीं जाने क्यों. 

3 बार UPSC में मिली असफलता, तो मान ली हार! फिर परिवार के सपोर्ट से हासिल 11वीं रैंक, लेकिन नहीं बनीं IAS
Muskan Chaurasia|Updated: Jun 21, 2025, 01:06 PM IST
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IFS Pujya Priyadarshini Success Story: सिविल सेवा जितना दूर से देखने में अच्छा है उतना ही ये एक चुनौतीपूर्ण काम है. यूपीएससी देश को वो कठिन परिक्षाओं में से एक है जिसमें शामिल तो लाखों छात्र होते हैं, लेकिन सेलेक्शन सिर्फ कुछ का ही हो पाता है. ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी होते जो हार ना मानते हुए अपने मंजिल के लिए निरंतर प्रयास करते रहते हैं. ऐसा हम आपको इसलिए बता रहे हैं क्योंकि आज के इस खबर में हम बात करेंगे एक ऐसी महिला की सफलता की कहानी के बारे में जिन्होंने यूपीएससी के लिए तीन बार प्रयास किए, लेकिन उन्हें असफलता ही हाथ लगी, लेकिन उन्होंने हार ना मानते हुए चौथे प्रयास में इस परीक्षा को पास किया.  

पढ़ाई के साथ की तैयारी
हम बात कर रहे हैं पूज्य प्रियदर्शिनी की जिन्होंने साल 2018 में यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया 11वीं रैंक हासिल की. उनकी शिक्षा की बात करें तो उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री राम कॉलेज ऑफ कॉर्मस से बी.कॉम किया है. इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारियों में लग गईं, लेकिन पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं. ऐसे में वह कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयार्क में जाकर पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में अपनी मास्टर्स डिग्री कंप्लीट की और एक कंपनी में नौकरी शुरू कर दी. 

11वीं रैंक के साथ पास की परीक्षा
हालांकि, जॉब के साथ उन्होंने यूपीएससी की तैयारी जारी रखी. 2016 में उन्होंने यूपीएससी एग्जाम दिया, लेकिन इस बार भी वो परीक्षा पास नहीं कर पाईं. उन्होंने फिर भी अपनी तैयारी जा रखी और तीसरे प्रयास के लिए अप्लाई किया, लेकिन फाइनल राउंड को वह क्लियर नहीं कर पाई. ऐसे में उन्होंने यूपीएससी छोड़ने का प्लान बना लिया, लेकिन उनका परिवार चाहता था कि वह आईएएस ही बनें. इसलिए परिवार ने उन्हें मोटिवेट किया और इस बुरे वक्त में प्रियदर्शिनी साथ दिया.

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यही वजह है कि एक बार उन्होंने दिन-रात एक करके मेहनत की और  चौथी बार में आखिरकार उन्होंने 11वीं रैंक के साथ इस परीक्षा में टॉप कर लिया. हालांकि, पूज्य ने आईएएस पद की जगह भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) को चुना. जानकारी के अनुसार, फिलहाल वह अब भारत के लिए राजनयिक के रूप में काम कर रही हैं.

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