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ना स्मार्टफोन, ना इंटरनेट; आदिवासी छात्र ने पहले प्रयास में पास की NEET UG, बना MBBS करने वाला पहला लड़का!

NEET Success Story: बिना इंटरनेट और स्मार्टफोन के इस आदिवासी लड़के ने अपने पहले प्रयास में ही NEET UG परीक्षा पास कर ली. इसी के साथ वह अपने कम्यूनिटी में  MBBS करने वाला गांव का पहला लड़का बना. 

ना स्मार्टफोन, ना इंटरनेट; आदिवासी छात्र ने पहले प्रयास में पास की NEET UG, बना MBBS करने वाला पहला लड़का!
Muskan Chaurasia|Updated: Jul 31, 2025, 09:34 PM IST
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Mangala Muduli Success Story: कहते हैं अगर सपने को पूरे करने की कोशिश शिद्दत और ईमानदारी से की जाए तो शख्स अपने मंजिल तक पहुंच ही जाता है. ऐसी ही कुछ कहानी है ओडिशा के मंगला मुदुली की, जिन्होंने नीट यूजी परीक्षा पास करके इतिहास रच दिया है. साथ ही अपने कम्यूनिटी में वह गांव के पहले एमबीबीएस करने वाले छात्र बन गए हैं. पढ़ें सफलता की कहानी..

हम बात कर रहे हैं ओडिशा के बोंडा जनजाति (Bonda Tribe) से ताल्लुक रखने वाले मंगला मुदुली की. उन्होंने नीट यूजी 2024 परीक्षा को पास किया है. मंगला ने इस परीक्षा में 261वीं रैंक हासिल की है. महज 19 साल की उम्र में उन्होंने बिना किसी स्मार्टफोन और इंटनेट के इस कठिन परीक्षा को अपने पहले प्रयास में पास किया है.  

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MBBS करने वाला पहला छात्र
एक छोटे से आदिवासी गांव से ताल्लुक रखने वाले एक होनहार छात्र ने वो कर दिखाया जो बड़े शहरों में रहकर भी हर कोई नहीं कर पाता। बिना स्मार्टफोन, इंटरनेट और कोचिंग के पहले ही प्रयास में NEET-UG परीक्षा पास की और अपने गांव से MBBS करने वाला पहला छात्र बन गया। उसकी सफलता ने ये साबित कर दिया कि जज़्बा और मेहनत के सामने कोई संसाधन आड़े नहीं आता.

एक टीचर ने की मदद
मंगला बेहद साधारण परिवार से आते हैं. उनके परिवार में माता-पिता, एक भाई और एक बहन है. मंगला ने स्कूल की पढ़ाई गांव के एक स्कूल से पूरी की. 10वीं उन्होंने 50 प्रतिशत नंबरों से पास किया था. 11वीं के पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई के लिए तैयारी शुरू कर दी थी. नीट के लिए उन्होंने कोचिंग में दाखिला लिया. हालांकि, सबसे खास बात ये है कि इस परीक्षा के लिए मंगला के एक टीचर ने उन्हें प्रेरित किया, टीचर के वजह से ही उन्हें कोचिंग में एडमिशन मिल पाया. 

गांव में खुशी
वहीं, उन्होंने पहले प्रयास में इस परीक्षा को पास कर लिया और अब वह MKCG मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. इस परीक्षा में मिली सफलता से उनके परिवार के साथ-साथ गांव के लोग भी उनपर गर्व महसूस कर रहे हैं. साथ ही उन्हें देखकर बच्चे पढ़ने के लिए प्रेरित हो रहे हैं.

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