Education in New Zealand: विदेश में पढ़ाई और बेहतर करियर की तलाश में भारतीय छात्रों के लिए अब न्यूजीलैंड एक खास मंजिल बनकर उभर रहा है. जहां पहले अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश ही ज्यादातर छात्रों की पसंद हुआ करते थे, वहीं अब दुनिया भर की एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव और छात्रों की बदलती प्राथमिकताओं के कारण वे नए और स्थिर देशों की ओर रुख कर रहे हैं.
इन्हीं देशों में से न्यूजीलैंड भी तेजी से पॉपुलर हो रहा है, जिसकी वजह है यहां की बेहतरीन एजुकेशन, पढ़ाई के बाद काम करने के मौके और अच्छी लाइफ स्टाइल.
भारतीय छात्रों का बढ़ता ट्रेंड
एजुकेशन न्यूजीलैंड (ENZ) के मुताबिक, जनवरी से अगस्त 2024 के बीच भारत से एडमिशन में 34% की बढ़ोतरी हुई है – यह 2023 के 7,930 से बढ़कर 2024 में 10,640 हो गया है. भारतीय छात्र अब न्यूजीलैंड में सभी इंटरनेशनल यूनिवर्सिटीज एडमिशन का 11% हिस्सा बनते हैं, जो चीनी छात्रों के बाद दूसरे नंबर पर है.
खास बात यह है कि IDP एजुकेशन के आंकड़ों से पता चला है कि न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालयों में भारतीय महिला छात्रों की संख्या 2023 और 2024 के बीच दोगुनी हो गई है. यह दर्शाता है कि सिक्योर और हेल्पिंग एजुकेशन माहौल की तलाश में फीमेल स्टूडेंट्स के बीच भी न्यूजीलैंड एक पसंदीदा ऑप्शन बन रहा है.
अलग अलग सब्जेक्ट में हाई क्वालिटी एजुकेशन
न्यूजीलैंड के सभी आठ विश्वविद्यालय ग्लोबल लेवल पर टॉप रैंक में शामिल हैं, और सभी QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2026 में लिस्टेड हैं. इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड (रैंक 65), यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो (197), और मैसी यूनिवर्सिटी (230) जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं.
ये यूनिवर्सिटीज डेटा साइंस, इंजीनियरिंग, फिनटेक, बिजनेस एनालिटिक्स, नर्सिंग, हॉस्पिटैलिटी और एजुकेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत प्रोग्राम पेश करते हैं.
रहने और पढ़ाई का कम खर्च
न्यूजीलैंड में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए पढ़ाई का खर्च सालाना NZD 20,000 (लगभग 10.26 लाख रुपये) से NZD 40,000 (लगभग 20.53 लाख रुपये) के बीच है. यह अमेरिका और ब्रिटेन की तुलना में काफी सस्ता है, और ऑस्ट्रेलिया व कनाडा के बराबर है. पढ़ाई के दौरान पार्ट-टाइम काम करने की इजाजत और उचित रहने के खर्च के साथ, यह देश इंडियन स्टूडेंट्स के लिए एक किफायती ऑप्शन प्रदान करता है.
पढ़ाई के बाद काम करने के फ्लैक्सिबल ऑप्शन
न्यूजीलैंड की एक बड़ी खासियत इसकी फ्लैक्सिबल पोस्ट-स्टडी वर्क (PSW) पॉलिसी है. जो इंटरनेशनल स्टूडेंट्स कम से कम 30 हफ्तों का मास्टर या डॉक्टोरल प्रोग्राम पूरा करते हैं, वे तीन साल के PSW वीजा के लिए योग्य होते हैं.
2024 के आखिर में, इमिग्रेशन न्यूजीलैंड ने इन फायदों को उन स्टूडेंट्स तक भी बढ़ा दिया, जो छोटे, स्टैकेबल पोस्टग्रेजुएट क्वालिफिकेशन प्राप्त कर रहे हैं - जिससे पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा के बाद मास्टर करने वाले छात्रों को भी पूरे काम करने के अधिकार मिलते हैं. मार्च 2025 तक, देश की बेरोजगारी दर 5.1% थी, जो नौकरी मार्केट में आने वाले ग्रेजुएट्स के लिए एक अच्छा संकेत है.
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क्वालिटी ऑफ लाइफ एंड कम्युनिटी सपोर्ट
एजुकेशन के अलावा, न्यूजीलैंड सुख शांति और वर्क-लाइफ बैलेंस के ग्लोबल इंडेक्स पर हाई रैंक पर है. ग्लोबल फाइनेंस के 2025 हैप्पीनेस इंडेक्स में इसे 12वां स्थान मिला, और ग्लोबल पीस इंडेक्स में इसे तीसरा स्थान दिया गया है. देश ने लगातार तीसरे साल रिमोट के ग्लोबल लाइफ-वर्क बैलेंस इंडेक्स में भी टॉप रैंक हासिल की है. न्यूजीलैंड में 2,70,000 से ज्यादा भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिससे छात्रों को एक कल्चरल रूप से फैमिलियर एनवायरमेंट और सपोर्टिंग माइग्रेट नेटवर्क का फायदा मिलता है.
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