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नहीं देख सकता बेटा तो मां बन गई आंखें, यूट्यूब लेक्चर और नोट्स पढ़कर कराई तैयारी, कहानी पढ़ छलक जाएंगे आंसू

UPSC Success Story: मां-बेटे की इस जोड़ी को सच में भगवान का आर्शीवाद कहें या कुछ और..क्योंकि बिना आंखों की रोशनी के यूपीएससी परीक्षा को पास करना सच में किसी चमत्कार से कम नहीं. पढ़ें संघर्ष की ऐसी कहानी जो आंखों में आंसू ला देगी.   

नहीं देख सकता बेटा तो मां बन गई आंखें, यूट्यूब लेक्चर और नोट्स पढ़कर कराई तैयारी, कहानी पढ़ छलक जाएंगे आंसू
Muskan Chaurasia|Updated: Apr 30, 2025, 01:50 PM IST
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Ravi Raj UPSC Success Story: वैसे तो जब से यूपीएससी परीक्षा के रिजल्ट जारी हुए हैं. तब से अलग-अलग कैंडिडेट्स की कई सारी सफलता की कहानी इंटरनेट पर जमकर वायरल हो रही है. वहीं, इस खबर में हम आपके लिए लेकर आएं हैं एक ऐसे शख्स की कहानी, जिन्होंने आंखों की रोशनी ना होते हुए भी देश की कठिन परीक्षा में शामिल यूपीएससी की परीक्षा को पास कर लिया है. पढ़ें प्रेरणा से भरी से सफलता की कहानी.  

हम बात कर रहे हैं बिहार के नवादा के रहने वाले रवि राज की, जिन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 182वीं रैंक हासिल किया है. यह सफलता उनके लिए काफी ज्यादा बड़ी है क्योंकि बिना आंखों की रोशनी के साथ इस कठिन परीक्षा को पास करना किसी चमत्कार से कम नहीं है. वहीं, रवि को मिली इस बड़ी के सफलता के पीछे उनकी मां का भरपूर योगदान है. शायद उनकी मां के बिना ये संभव भी नहीं हो पाता. 

रवि की मां विभा सिन्हा ने अपने बेटे के लिए दिन-रात एक करके पढ़ाई करवाई है. उन्होंने बेटे को अपनी आंखों से पढ़ाया है. वह रवि के लिए नोट्स बनाती थी और उसे पढ़कर समझती थी और प्रैक्टिस करवाती थी. मां बोलती थीं तो रवि सुनकर उसे समझकर याद करते थे. शारीरिक और इमोशनल चुनौतियों के बावजूद दोनों ने हार नहीं मानी और आज पहाड़ जैसी मुश्किल को पार करके सफलता हासिल कर लिया. 

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जानकारी के अनुसार, मां अपने बेटे के लिए अपने काम के अलावा रवि को पढ़ाती थी. साथ ही YouTube लेक्चर चलाती थीं. साथ ही रिकॉर्ड ऑडियो भी रवि को सुनाती थी, ताकि वह हर चीज को सुनकर अच्छे से समझ ले. वह रोजाना 10 घंटे की पढ़ाई करवाती थी. आज के युवाओं को ये सीखना चाहिए कि कैसे अपने सपने के प्रति किसी को समर्पित होना चाहिए क्योंकि इतनी बड़ी चुनौती के बावजूद दोनों ने हार नहीं मानी.  

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