Mosques Built by Babur in India: आप सभी ने बाबरी मस्जिद के बारे में तो बहुत सुना होगा. आज पूरी दुनिया यह जानती है कि भारत पर आक्रमण करने वाले पहले मुगल बादशाह जहीर-उद-दीन मुहम्मद बाबर ( Zahir-ud-din Muhammad Babur) द्वारा अयोध्या में स्थित राम मंदिर को तोड़ कर वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया गया था, जिसके बाद हिंदू धर्म के लोगों की आस्था आहत हुई और उन्होंने दोबारा इस मंदिर को बनाने का प्रतिज्ञा ली. आज करीब 500 सालों की लड़ाई के बाद मौजूदा हालात ऐसे हैं कि बाबरी मस्जिद को तोड़कर वहां दोबारा राम मंदिर बनवाया जा रहा है, और इसी के उपलक्ष में 22 जनवरी को भगवान श्रीराम की मूति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी और मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया जाएगा.
बाबर ने भारत में इन तीन मस्जिद का करवाया था निर्माण
हालांकि, अगर इस लेख के मेन मुद्दे की बात करें, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुगल बादशाह बाबर ने केवल अयोध्या में ही बाबरी मस्जिद नहीं बनाई थी, बल्कि उसने दो और मस्जिदों का निर्माण करवाया था, जिसमें से एक मस्जिद का ताल्लुक भगवान विष्णु के कल्कि अवतार से भी है, जो कलयुग में जन्म लेंगे. दरअसल, हम बात कर रहे हैं पानीपत में स्थित काबुली बाग मस्जिद और यूपी के संभल में बने शाही जामा मस्जिद की, जिसे बाबर द्वारा ही बनाया गया था.
पानीपत की लड़ाई में जीतने के बाद बनवाई काबुली बाग मस्जिद
काबुली बाग मस्जिद हरियाणा राज्य के पानीपत जिले में स्थित है, जिसे 1527 में पानीपत की पहली लड़ाई में सुल्तान इब्राहिम लोधी पर अपनी जीत को चिह्नित करने के लिए सम्राट बाबर द्वारा बनाया गया था. मस्जिद का नाम बाबर की पत्नी काबुली बेगम के नाम पर रखा गया है. पानीपत जिले में बना काबुली बाग मस्जिद पानीपत के काबुल बाग कॉलोनी में स्थित है, जो मुख्य पानीपत शहर से 2 किलोमीटर (1.2 मील) की दूरी पर है. यह मस्जिद आज भी स्थित है, और आपको यहां शिलालेख भी देखने को मिल जाएंगे.
कल्कि अवतार के लिए बने मंदिर को तोड़ कर बनाई शाही जामा मस्जिद
अब बात करें यूपी के संभल में बने शाही जामा मस्जिद की, तो बता दें इसे बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है. यह संभल के सबसे पुराने स्मारकों में से एक है. यह मस्जिद 1528 में सम्राट बाबर के आदेश के तहत मीर बेग द्वारा बनाई गई थी. जो बात इसे और भी ऐतिहासिक बनाती है, वह यह है कि बाबर ने स्वयं इस मस्जिद का पहला पत्थर बनवाया था. लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि बाबर ने यह मस्जिद बहुत ही सोच-समझकर बनाई थी. बाबर हिंदू धर्म का कट्टर विरोधी था. इसलिए उसने भगवान विष्णु के कल्कि अवतार के लिए बने मंदिर को तोड़कर यहां शाही जामा मस्जिद बनवाई थी. मंदिर के अवशेष आज भी आपको वहां की दिवारों पर देखने को मिल जाएंगे.