NEET पास करना आधी लड़ाई जीतने जैसा है. इसके बाद NEET काउंसलिंग की एक बहुत ही अहम प्रक्रिया आती है, जहां एक भी गलती आपको आपके सपनों के कॉलेज या पूरी सीट से भी दूर कर सकती है. हर साल, हजारों छात्र ऐसी गलतियों के कारण बाहर हो जाते हैं जिनसे बचा जा सकता था. यहां NEET काउंसलिंग के दौरान उम्मीदवार जो पांच बड़ी गलतियां करते हैं, और आप उनसे कैसे बच सकते हैं, यहां बताया गया है.
1. बिना पर्याप्त रिसर्च या स्ट्रेटजी के कॉलेज चुनना
गलती: कई छात्र केवल प्रतिष्ठा या सुनी-सुनाई बातों के आधार पर कॉलेजों सेलेक्ट करते हैं, बिना पिछले कट-ऑफ, फीस स्ट्रक्चर, बॉन्ड ऑब्लिगेशन या रीच जैसे जरूरी फेक्टर्स पर विचार किए.
समाधान:
अपने ऑप्शन को वेरिफाईड डेटा के आधार पर चुनें. इन बातों पर विचार करें:
पिछले साल के कट-ऑफ ट्रेंड्स
हॉस्टल और आकस्मिक फीस समेत पूरा फीस स्ट्रक्चर.
विश्वसनीय सोर्स से स्टूडेंट्स लिमिट
फिर, अपने ऑप्शन को इस प्रकार क्लासिफाई करें:
ड्रीम (Dream): आपकी रैंक से थोड़ा ऊपर
सुरक्षित (Safe): आपकी रैंक के लिए सटीक
बैकअप (Backup): आपकी रैंक से थोड़ा नीचे
2. ऑप्शन को लॉक करने में विफल होना या उन्हें बहुत जल्दी लॉक कर देना
गलती:
कुछ छात्र या तो अपने ऑप्शन को लॉक करना भूल जाते हैं, जिससे सिस्टम उन्हें ऑटो-लॉक कर देता है (जो रीयल प्रयोरिटीज से अलग हो सकता है), या वे सभी ऑप्शन को पूरी तरह से देखे बिना उन्हें बहुत जल्दी लॉक कर देते हैं.
समाधान:
पूरी चॉइस-फिलिंग विंडो का अच्छी तरह से उपयोग करें. लास्ट दिन तक जरूरत के मुताबिक एडजस्टमेंट करें, और एक बार सुनिश्चित होने के बाद अपने ऑप्शन को मैन्युअल रूप से लॉक करें. जमा करने के प्रूफ के रूप में एक स्क्रीनशॉट या प्रिंटआउट अपने पास रखें.
3. स्टेट काउंसलिंग के मौकों को नजरअंदाज करना
गलती:
केवल ऑल इंडिया कोटा (AIQ) पर फोकस करना और स्टेट काउंसलिंग की उपेक्षा करना आपके अवसरों को कम कर सकता है, खासकर यदि आपके गृह राज्य में आपके बेहतर अवसर हैं.
समाधान:
AIQ और अपनी स्टेट काउंसलिंग प्रक्रिया दोनों के माध्यम से आवेदन करें. यदि पात्र हैं, तो एक से ज्यादा राज्यों (जैसे दिल्ली, राजस्थान) में अधिवास-आधारित कोटा के माध्यम से आवेदन करने पर विचार करें.
प्रत्येक राज्य के अलग-अलग नियम, कट-ऑफ और जरूरी डॉक्यूमेंट होते हैं - इनसे पहले से अच्छी तरह परिचित हो जाएं.
4. डॉक्यूमेंट को गलत तरीके से संभालना
गलती:
रिपोर्टिंग फेज के दौरान खोए हुए, गलत या अधूरे डॉक्यूमेंट सीट रद्द होने का कारण बन सकते हैं, भले ही आपने परीक्षा पास कर ली हो.
समाधान:
एक व्यापक NEET काउंसलिंग डॉक्यूमेंट किट तैयार करें जिसमें शामिल हों:
NEET एडमिट कार्ड और स्कोरकार्ड
कक्षा 10 और 12 की मार्कशीट
कैटेगरी सर्टिफिकेट (यदि लागू हो)
अधिवास प्रमाण पत्र, वर्थ सर्टिफिकेट, और वेलिड आईडी प्रूफ
पासपोर्ट साइज के फोटो
प्रोविजनल अलॉटमेंट लेटर
यह दोबारा जांच लें कि प्रत्येक राउंड के लिए ऑरिजनल, सेल्फ वेरिफाइज लेटर, या डिजिटल वर्जन की जरूरत है या नहीं.
5. मॉप-अप और स्ट्रे वैकेंसी राउंड को छोड़ देना
गलती:
कुछ उम्मीदवार शुरुआती राउंड के बाद यह मानकर छोड़ देते हैं कि उन्होंने अपना मौका खो दिया है.
समाधान:
मॉप-अप और स्ट्रे वैकेंसी राउंड में अक्सर ड्रॉपआउट या डॉक्यूमेंट संबंधी समस्याओं के कारण फेरबदल होता रहता है. प्रतिष्ठित कॉलेज कभी-कभी इन राउंड में खाली सीटें जारी करते हैं.
ध्यान दें कि इन राउंड में आमतौर पर नए सिरे से रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होती है - समय-सीमा को अलग से चिह्नित करें और सतर्क रहें.
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NEET काउंसलिंग के दौरान आपके द्वारा किए गए ऑप्शन न केवल आपके कॉलेज को, बल्कि आपके करियर, आपके भविष्य और एक डॉक्टर के रूप में आपकी पहचान को भी आकार देंगे. NEET काउंसलिंग केवल नंबरों के बारे में नहीं है - यह एक्यूरेसी, प्लानिंग और दृढ़ता के बारे में है. एक्टिव, मैनेज और अच्छी तरह से जानकारी रखकर इन सामान्य गलतियों से बचें. आपका सपनों का कॉलेज बस एक स्मार्ट निर्णय दूर हो सकता है.
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