NEET Success Story of Jodharam: बचपन में अधिकतर लोगों के अपने माता-पिता को ये कहते हुए सुना होगा कि अगर क्लास में अच्छे नंबर नहीं तो पढ़ाई छोड़कर काम करवाने लगेंगे. हालांकि, ये बस पैरेंट्स इसलिए कहते हैं ताकि बच्चा डर से पढ़ाई पर ज्यादा फोकस करें. कुछ ही ऐसी ही बात नीट परीक्षा पास किए जोधाराम के पिता ने भी उनसे कही. जोधाराम के पिता ने कहा कि कम नंबर आए तो मजदूरी करनी होगी. ऐसे में पिता की इस बात से जोधाराम ने पढ़ाई पर पूरा फोकस किया. हालांकि, कई असफलता मिलने के बाद उन्होंने नीट परीक्षा को क्रैक किया.
नीट यूजी परीक्षा दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में शामिल है. हर साल लाखों की संख्या में छात्र नीट परीक्षा देते हैं. हालांकि, कुछ टॉप रैंक हासिल करके बेस्ट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन पाकर अपने सपने को साकार कर पाते हैं, तो वहीं कुछ अगले प्रयास की तैयारियों में जुट जाते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी राजस्थान के रहने वाले जोधाराम की है.
पिता ने कह दी थी ये बात
जोधाराम बचपन से ही पढ़ाई में कमजोर थे. उनके पिता एक किसान हैं. जोधाराम की पढ़ाई को देखते हुए पिता ने कहा कि अगर 10वीं में कम नंबर आए तो मजदूरी करनो होगी. दरअसल, जोधाराम के घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी. इसलिए पिता चाहते थे कि बेटा पढ़ाई करके बड़ा नाम कमाए इसलिए उन्होंने जोधाराम से ऐसी बात कही.
10वीं कक्षा में मिले कम नंबर
बता दें, जोधाराम के 10वीं में 65% नंबर आए, जिस पर उनके पिता नाराज हो गए थे लेकिन फिर उन्हें बड़े भाई मेवाराम का साथ मिला. उन्होंने जोधाराम का एडमिशन जोधपुर के केआर पब्लिक सीनियर स्कूल में करवा दिया गया था, जहां ओबीसी श्रेणी के तहत उनकी फीस भी माफ हो गई. स्कूल प्रिंसिपल से उन्हें डॉक्टर बनने का मोटिविशेन मिला. हालांकि, कोचिंग और ज्यादा मैटेरियल नहीं होने के वजह से शुरुआत में उन्हें काफी दिक्कत हुई. ऐसे में जोधाराम ने सेल्फ स्टडी से ही रोजाना पढ़ाई की.
5वें प्रयास में नीट परीक्षा में मिली सफलता
दिन-रात की पढ़ाई के बाद भी जोधाराम के लिए नीट का सफर आसान नहीं था. उन्होंने 4 बार नीट परीक्षा दी, लेकिन हर बार असफल हो गए, लेकिन उन्होंने अपने इरादे को कमजोर नहीं होने दिया. उन्होंने और कड़ी मेहनत करके आखिरकार साल 2024 में अपने 5वें प्रयास में नीट परीक्षा को क्रैक कर लिया. उन्होंने नीट यूजी में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 3886 हासिल की. यह उनके गांव के लिए एक ऐतिहासिक पल था.
इस सफलता के बाद जोधाराम ने अपनी रैंक के आधार पर जोधपुर के संपूर्णानंद मेडिकल कॉलेज (SNMC) में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लिया और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. उनका लक्ष्य कार्डियोलॉजिस्ट बनना है.