NEET Topper Success Story: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा हर साल देश के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया जाता है. नीट परीक्षा में अच्छे अंक स्कोर करना एक बड़ी उपलब्धि होती है, जिसके बलबूते छात्रों को देश के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिलता है. हाल ही में नीट यूजी 2025 के परिणाम घोषित किए गए, जिसमें 12,36,531 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की. चलिए हम आपको उन्हीं में से एक ऐसी कैंडिडेट के बारे में बताते हैं, जिसमें डॉक्टर बनने का जुनून इस प्रकार है कि पिता की मौत के बाद भी उन्होंने हौसला नहीं खोया और नीट में सफलता हासिल की.
4 साल पहले गुजर गए पिता
हम बात कर रहे हैं निकिता गुर्जर की, जो मूल रूप से राजस्थान के अलवर जिले के किशनगढ़ बास इलाके के बघेरी खुर्द गांव की रहने वाली है. ये एक गरीब परिवार से आती है. उनके पिता निहालसिंह किसान थे, जिनकी मृत्यु करीब 4 साल पहले ही हो गई थी. बता दें, निकिता 5 बहने हैं. पिता की मौत के बाद उनके चाचा और चाचा के बेटे ने उनका और उनके पूरे परिवार को संभाला. वो लोग ही निकिता सहित उनके परिवार का भरण-पोषण करते हैं. आर्थिक तंगी होने के बावजूद निकिता के चाचा और भाई ने उनकी पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
निकिता बचपन से ही पढ़ने-लिखने में काफी होशियार थी. उन्होंने अपनी स्कूलिंग गांव के ही एक स्कूल से की है. निकिता ने 10वीं कक्षा में 92.50% अंक और 12वीं में 94% अंक हासिल किए थे. पिता की मौत और परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के बाद भी निकिता ने कभी हौसला नहीं खोया. वो नीट की तैयारी के लिए 6 घंटे कोचिंग और उसके अवाला घर पर भी वो डेली 6-7 घंटे सेल्फ स्टडी किया करती थी. उनकी इसी कड़ी मेहनत, लगन और जुनून का परिणाम रहा कि उन्होंने नीट यूजी 2025 में सफलता का परचम लहराया और मिसाल बन गई. निकिता का सपना डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना है.
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