NEET Success Story of Sheikh Sarfaraz: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) यूजी देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक है, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा देश के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर आयोजित किया जाता है. यह एग्जाम देश के मेडिकल और डेंटल सरकारी और प्राइवेट विश्वविद्यालयों में प्रवेश पाने के लिए दिया जाता है. हर साल आयोजित होने वाली नीट यूजी की परीक्षा लाखों छात्र देते हैं, जिसमें अच्छा स्कोर करना काफी मुश्किल होता है, लेकिन कहते हैं न जब किसी के ऊपर किसी चीज हो हासिल करने का जुनून सवार हो जाए, फिर भले ही उसके राह में लाख मुश्किलें हो. बंदा उसे पार कर लक्ष्य पा ही लेता है. कुछ ऐसी ही कहानी है शेख सरफराज की, जो पिछली साल नीट यूटी 2024 की परीक्षा में 720 में से 677 अंक हासिल किए थे. चलिए हम आपको संघर्षों से भरी उनकी प्रेरणादायक कहानी बताते हैं.
शेख सरफराज
शेख सरफराज मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं, जो एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे हैं. सरफराज ने नीट यूजी 2024 की परीक्षा में 720 में से 677 अंक हासिल किए थे. उनका सपना डॉक्टर बनना था, इसके लिए वो हर दिन मजदूर के तौर पर काम किया करते थे. परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए वो प्रतिदिन 300 से 400 ईंटें ढोते थे, जिसके लिए उन्हें रोजाना 300 रुपये मिलता था. सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक मजदूरी करने के बाद सरफराज घर पर ही ऑनलाइन क्लास की मदद से पढ़ाई करते थे. नीट की तैयारी और अपने सपने को पूरा करने के लिए सरफराज दिन-रात कठिन परिश्रम किया करते थे. वो रात में बिना छत वाले घर में ठंड के मौसम में पढ़ाई करते थे,
मां का रहा सहयोग
सरफराज की सफलता में उनकी मां का बहुत योगदान रहा. वो बेटे के साथ रात-रात भर जगी रहती थी. 10वीं पास कर सरफराज का सपना एनडीए में शामिल होने का था, लेकिन परिवार की स्थिति को देखते हुए उन्होंने यह विचार छोड़ दिया. कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने सरकारी सहायता से एक फोन लिया और उसी की मदद से पढ़ाई करने लगे. नीट की तैयारी के लिए सरफराज यूट्यूब वीडियो की मदद लेते थे. इंटरनेट से पढ़ाई और सेल्फ स्टडी के माध्यम से उन्होंने तैयारी की, लेकिन पहले अटेंप्ट के बाद उन्हें एक डेंटल कॉलेज अलॉट हुआ जिसमें उन्होंने एडमिशन लिया, लेकिन हॉस्टल की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें वो बीच में ही छोड़ना पड़ा.
शिक्षक माता-पिता का मिला सहयोग, बेटे ने NEET UG में हासिल किए 720 में से 720 अंक
दूसरे अटेंप्ट में मिला मेडिकल कॉलेज
इसके बाद सरफराज ने दूसरी बार नीट यूजी की परीक्षा की तैयारी करने का निर्णय लिया. साल 2024 में उन्होंने दूसरा अटेंप्ट दिया और सफलता हासिल किया. उन्होंने कोलकाता के प्रतिष्ठित नील रतन सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया. सरफराज की कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है, जिन्हें लगता है कि संसाधनों की समस्या की वजह से वो अपने सपने को पूरा नहीं कर सकते हैं.
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